मायावती ने पहली बार इस मुद्दे पर तोड़ी चुप्पी.. सांसदों को दिया बड़ा संदेश!


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों के दौरान अलग-अलग मीडिया रिपोर्टस में बीएसपी सांसदों को लेकर कई तरह के दावे किए गए हैं। इन मीडिया रिपोर्टस में पार्टी के आधे से ज्यादा सांदसों के दूसरे दलों में जाने की चर्चा है। कुछ रिपोर्टस में बीएसपी के सभी सांसदों के बगावत करने के संकेत मिले हैं। लेकिन इतने दिनों में पहली बार मायावती ने इस मुद्दे पर अपनी खामोशी तोड़ते हुए तल्ख टिप्पणी की और स्पष्ट संदेश दे दिया।

मायावती ने कहा, 'उम्मीदवारों का चयन काफी सोच समझ कर किया जाना चाहिए जैसा कि यूपी के संदर्भ में काफी गहनता के साथ किया जा रहा है। पार्टी उम्मीदवारों का केवल चुनाव जीतना ही काफी नहीं है, बल्कि चुनाव के बाद भी उनका बीएसपी पार्टी और मूवमेंट के प्रति वफादार, अनुशासित और कर्मठ बने रहना जरूरी है। उन्होंने भविष्य में अब उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी पार्टी का स्टैंड स्पष्ट कर दिया है।

बीएसपी चीफ ने अपनी बातें उत्तराखंड के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए रखी है। इससे पहले बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को रविदास जयंती पर बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनको माथा टेकने वालों से सावधानी जरूरी है। मायावती ने शनिवार को एक्स पर लिखा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का लोगों को अमर संदेश देने वाले महान संतगुरु रविदास जी को आज उनकी जयन्ती पर शत्-शत् नमन।

उन्होंने देश-दुनिया में रहने वाले उनके सभी अनुयाइयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए उनके उपदेशों को अपनाकर जीवन संवारने का आह्वान किया। उन्होंने आगे लिखा कि उनका संदेश अपने कर्म से धर्म को, संकीर्ण राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ आदि के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत व जनसेवा के लिए समर्पन का है, जिसे भुला दिये जाने के कारण बहुजनों का जीवन यहां अनेकों समस्याओं से त्रस्त। राजनीतिक स्वार्थ हेतु उनको माथा टेकने वालों से सावधानी जरूरी है।

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