नसबंदी के बाद भी बच्चा होने का मामला...साबित नहीं हुई चिकित्सक की लापरवाही...पीड़ित ने दायर किया था वाद!


आगरा। आगरा में नसबंदी का ऑपरेशन कराने के बाद भी बच्चा हो जाने के मामले में डॉक्टर की लापरवाही साबित नहीं हुई। जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य अरुण कुमार ने डॉ. रेखा गुप्ता के खिलाफ प्रस्तुत वाद को खारिज कर दिया।मलपुरा थाना क्षेत्र के सिरौली मोड़ निवासी वेदप्रकाश ने आयोग में वाद प्रस्तुत किया था। कहा कि 22 मई 2009 डॉ. रेखा गुप्ता के नर्सिंग होम में पत्नी मीरा की डिलीवरी कराई थी। साथ ही नसबंदी का ऑपरेशन भी कराया। मगर, आपरेशन के सात साल बाद पत्नी ने गर्भधारण कर लिया। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने पेट में गांठ होना बताया।
अल्ट्रासाउंड में पता चला कि पत्नी तीन महीने की गर्भवती है। इस पर उन्होंने चिकित्सा सेवा में डॉक्टर की लापरवाही बताई थी। डॉक्टर की तरफ से अधिवक्ता राजीव कुलश्रेष्ठ ने कहा कि डॉक्टर ने परिवादी की पत्नी को गर्भाशय का ऑपरेशन करने की सलाह नहीं दी थी। मेडिकल जर्नल के अनुसार नसबंदी ऑपरेशन के बाद भी तीन से सात प्रतिशत महिलाओं में गर्भ ठहरने की संभावना बनी रहती है।

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