लखनऊ। प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए अब बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच जबरदस्त घमासान होने वाला है। इस राजनीतिक घमासान के बीच छोटे दलों की भूमिका काफी अहम होगी। दोनों ही गठबंधन में कुछ ऐसे छोटे दल हैं जिन्होंने अभी से बगावती सुर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं की नाराजगी भी पार्टी की मुसीबत बनी हुई है।
सूत्रों की माने तो सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नाराज बताए जा रहे हैं। बीजेपी द्वारा वादा के अनुरुप अभी तक मंत्री पद नहीं दिए जाना उनकी नाराजगी की वजह बताई जा रही है। अगर उनकी नाराजगी बढ़ती है तो बीजेपी गठबंधन के लिए आगे की रणनीति बनाना मुश्किल होगा। पार्टी ने संजय सेठ के तौर पर आठवां उम्मीदवार उतारकर सपा गठबंधन के लिए जरूर मुश्किल बढ़ा दी है लेकिन पार्टी इसे पार्टी के लिए भी एक चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके अलावा सपा विधायक और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल के बगावती सुर तेज होते जा रहे हैं। इन्होंने अखिलेश यादव के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस चुनाव में सपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने से इनकार कर दिया है। अब अगर ऐसा होता है तो सपा गठबंधन के लिए आगे की रणनीति काफी अहम होगी। सूत्रों के अनुसार पल्लवी पटेल के साथ कुछ सपा विधायक अखिलेश यादव के फैसले से नाराज हैं। पल्लवी पटेल के अलावा सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की नाराजगी सामने आ चुकी है।
वहीं इस राज्यसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर और पल्लवी पटेल के अलावा तीसरे 'किंग मेकर' के तौर पर आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ही काम करेंगे। दोनों ही गठबंधनों में जिसका साथ इन स्थानीय दलों ने दिया उसकी आगे की राह आसान हो जाएगी। इस वजह से दोनों ही गठबंधन की आगे की रणनीति और फैसला इनके बिना संभव नजर नहीं आता है।
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