राज्यसभा चुनाव के लिए सपा ने तय किए तीन नाम... कल भर सकते हैं पर्चा!


लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन और यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन का नाम तय कर दिया है। हालांकि सपा ने अपने राज्यसभा प्रत्याशियों का नाम आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुख्य महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने सोमवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर राज्यसभा प्रत्याशियों को लेकर मंथन किया। कुछ विधायक भी बुलाए गए, जिन्होंने प्रस्तावक बनने के लिए सादे कागज पर हस्ताक्षर किए। एक विधायक ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि जिस कागज पर साइन कराए गए थे, उस पर किसी प्रत्याशी का नाम नहीं लिखा था। सपा सूत्रों को मुताबिक जया बच्चन का नामांकन करना तय हो गया है। उन्हें पांचवीं बार मैदान में उतारा जा रहा है। रामजी लाल सुमन 1977 में पहली बार फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद वर्ष 1989, 1999 और 2004 में भी लोकसभा चुनाव जीते। वे केंद्र की चंद्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

मौजूदा समय में वह सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर कार्यरत हैं। वह दलित जाति से हैं, उनके जरिये सपा यूपी में दलित मतदाताओं को साधना चाहती है। सपा के रणनीतिकारों का कहना है कि चूंकि भाजपा ने अपने सात सदस्यों की सूची में एक भी दलित प्रत्याशी नहीं उतारा है, ऐसे में सपा ने दलित प्रत्याशी देकर संदेश देने का काम किया है। आलोक रंजन अखिलेश सरकार में यूपी के मुख्य सचिव रहे थे, वे जुलाई 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्त होने के बाद वे अखिलेश के मुख्य रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक सपा के तीनों प्रत्याशी मंगलवार को पर्चा दाखिल कर सकते हैं।

सपा को राज्यसभा की तीन सीटें जीतने के लिए 112 मत चाहिए। सपा के पास वर्तमान में 108 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन भी उसे मिलना तय है। सपा सूत्रों का कहना है कि रालोद और सुभासपा के टिकट पर उसके तीन-तीन नेता चुनाव जीते हैं। इसलिए तीन प्रत्याशियों को आवश्यक मत जुटाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। राजनीति के जानकारों के मुताबिक भाजपा ने भी आठवां प्रत्याशी न उतारने का निर्णय लिया है। इसलिए यूपी से सभी 10 राज्यसभा प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।

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