लखनऊ। रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, का नारा देने वाले कारसेवक बाबा सत्यनारायण मौर्य को भी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का न्योता दिया गया है। राम मंदिर आंदोलन के दौरान बाबा सत्यनारायण मौर्य ने अहम भूमिका निभाई थी। उनके दिए नारे के साथ ही राम मंदिर का आंदोलन बिना शिथिल पड़े आगे बढ़ता रहा। बाबा सत्यनारायण एक चित्रकार के रूप में दीवारों पर भगवान राम की आकृति पर बनाते थे और मंच से अपने भाषणों से कारसेवकों में एक नई ऊर्जा का प्रवाह कर देते थे। बाबा सत्यनारायण मौर्य, अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में दीवारों पर इनके द्वारा लिखे गए नारे और इनके द्वारा गाये जाने वाले गीत प्रचलित थे। इसके बाद से बाबा सत्यनारायण राष्ट्रीय कवि बन गए और पूरे देश में राष्ट्र प्रेम की अलख जगाने लगे। राम मंदिर आंदोलन में नारा खूब प्रचलित हुआ था, जिस पर विपक्ष भी कई बार तंज कसते हुए दिखाई दिया था। विपक्षी दल अक्सर कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बतायेंगे।
अयोध्या में आंदोलन के दौरान उन्होंने दीवारों पर पेटिंग्स और नारे लिखे थे। बाबा सत्यनारायण ने बताया उनके गीत ही आंदोलन के प्रमुख गीत बन गए। आंदोलन के प्रमुख अशोक सिंघल ने भी इन्हें खूब सुना था। बाबा सत्यनारायण मौर्य बताते है की उस समय का संघर्ष है कि आज मंदिर बन रहा है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा गिराए जाने के समय भी उन्होंने मंच से कार सेवकों को संबोधित किया था। बाबा सत्यनारायण मौर्य देश की जानी मानी हस्ती है वे कविता गाते हुए पेंटिंग बना देते है। उनके गाए गीत खूब प्रचलित हुए थे। उन्होंने ही ये नारा दिया था कि ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’।
0 Comments