लखनऊ। प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा फैसला किया है। इस फैसले का असर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर सीधा पड़ने के आसार हैं। दरअसल, बीजेपी ने मंगलवार को 80 सीटों को 20 क्लस्टर में बांटा.सरकार के 12 मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया। इसके अलावा चार पूर्व मंत्री भी प्रभारी बनाए गए। बीजेपी के प्रभारियों में से एक प्रभारी हैं गिरीश यादव। उन्हें बीजेपी ने वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर की कमान सौंपी है। यह वो क्षेत्र है जहां समाजवादी पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा रही है। गिरीश यादव, यूपी सरकार में मंत्री हैं और उन्हें पूर्वांचल की अहम सीटों का प्रभार देकर बीजेपी ने सपा को खुला चौलेंज दे दिया है।
इसके अलावा सपा का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़, लालगंज, घोसी, बलिया और सलेमपुर की जिम्मेदारी यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही को दी गई है। इसके अलावा नगीना, बिजनौर और कैराना की जिम्मेदारी सत्यपाल सैनी को सौंपी गई है। इसके अलावा मैनपुरी, फिरोजाबाद की जिम्मेवारी मांट से विधायक राजेश चौधरी, कन्नौज और इटावा का जिम्मा क्षेत्रीय महामंत्री रामकिशोर साहू को सौंपा है। यूपी में बीजेपी मिशन 80 के टार्गेट से मैदान में उतर रही है. वहीं समाजवादी पार्टी का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी को पीडीए यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यसक, अगड़ा और आदिवासी सभी 80 सीटों पर हराएगा। मंगलवार को ही एक सभा में अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था- सरकार ने वर्षों के बाद इंस्टीट्यूशंस खड़े किए थे, जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है उन तमाम इंस्टीट्यूशंस को बेच दिया है। निवेश के नाम पर बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए और जनता को बताया गया कि 40 लाख करोड़ का निवेश आने वाला है, निवेश तो आया नहीं, नौकरी छीन गई, नौजवान बेरोजगार हो गया।
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