कब तक पिटती रहूं साहब... मुझे जिंदा नहीं रहना; चार बच्चों को लेकर गंगा घाट पहुंची महिला...और फिर!



बदायूं। बदायूं के उझानी थाना क्षेत्र में चार बच्चों को लेकर एक महिला सोमवार सुबह कछला गंगा घाट पहुंची। वह आत्महत्या करने को घर से निकली थी। महिला रोते हुए घाट की ओर बढ़ी, तभी नगर पंचायत के दो कर्मचारियों की नजर पड़ गई। उन्होंने महिला को समझा-बुझाकर कछला चौकी पर पहुंचा दिया। पुलिस ने उसके घरवालों को बुलाया तो महिला समेत उसके चारों बच्चे बिलखने लगे। उसने रो-रोकर पुलिसकर्मियों को अपनी दास्तां भी सुनाई। महिला ने बताया कि पति उसे पीटता है। बच्चों पर रहम नहीं करता। कब तक पिटती रहूंगी, मैं जिंदा रहना नहीं चाहती हूं। चार बच्चों को लेकर कछला पहुंची 32 वर्षीय महिला मीना मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव धर्मपुर निवासी राजवीर यादव की पत्नी है। उसके चार बच्चों में नीलम छह साल, श्याम पांच, नैना चार और तीन महीना का बेटा अनित है। वह कछला नगर पंचायत के कर्मचारी अजय और जोगेंद्र को गंगा अकादमी स्कूल के सामने रोते मिली। नगर पंचायत कर्मियों ने उससे रोने की वजह पूछी तो वह काफी गुस्से में दिखी। बोली- गंगा में कूद कर जान देने के लिए घर से निकली है। स्थिति को समझते हुए दो कर्मचारियों ने बच्चों संग मीना को कछला पुलिस चौकी पर पहुंचा दिया। चौकी इंचार्ज विक्रम सिंह ने पहले तो बच्चों और मीना को नाश्ता कराया, फिर उसके बारे में जानकारी की। मीना ने चौकी इंचार्ज को बताया कि पति राजवीर उसे बेवजह मारता-पीटता है। बच्चों को भी पीट देता है। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने फोन करके उसके परिजनों को बुला लिया। पति तो चौकी पर नहीं आया, लेकिन मीना की सास लौंगश्री ने एक अन्य परिजन के साथ पुलिस के सामने घरेलू स्थिति स्पष्ट कर दी। करीब तीन घंटे तक पुलिस चौकी पर रही मीना और उसके बच्चों को बाद में परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। पुलिस ने उसके ससुराल वालों को उसे परेशान न करने की हिदायत दी है। मीना और उसके बच्चों को पुलिस चौकी पर पहुंचाने वाले अजय और जोगेंद्र ने बताया कि मीना कह रही थी, मुझे पुल तक चले जाने दो। इसके बाद देख लेना, पति राजवीर का कलेजा ठंडा पड़ जाएगा। बता दें कि मीना ने घरेलू हिंसा की शिकायत अपने मायके वालों से भी की थी, लेकिन उसे शांत रहने की कहकर जल्द ही बात करने का भरोसा दिला दिया था।

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