शांति, सौहार्द व पारस्परिक प्रेम ही मानव जीवन की अहम पूंजी...अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर शिब्ली नेशनल कॉलेज में गोष्ठी!



आजमगढ़। शिब्ली नेशनल कॉलेज के मोकीमा बीवी हाल में गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता बी एड विभाग के प्रोफेसर आसिफ कमाल ने किया। प्रोफेसर आसिफ कमाल ने कहा कि 21 सितंबर को विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1981 में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की घोषणा की गई थी। पिछले वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस का थीम था- नस्लवाद का अंत, शांति की स्थापना। परंतु रूस- यूक्रेन युद्ध ने इस पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान द्वारा जम्मू- कश्मीर में आज भी अघोषित युद्ध की स्थिति के चलते वहां का जनजीवन प्रभावित है। कार्यक्रम का संचालनकर्ता दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ बी के सिंह ने कहा कि देश और दुनिया में शांति एवं भाईचारा बनी रहे। हमारा देश भारत ने प्राचीन युग से विश्व शांति की कामना कर सदैव विश्व बंधुत्व, मानव कल्याण और परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस प्रेरित करता है कि समानता, सहयोग और सद्भावना से विश्व शांति के पावन ध्येय की प्राप्ति में हम सभी सहभागी बन सकते हैं। वही भौतिक विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ अरशद कमाल ने कहा कि अंधकार अंधकार को दूर नहीं कर सकता केवल प्रकाश ही ऐसा कर सकता है ।शांति, सौहार्द एवं पारस्परिक प्रेम मनुष्य के जीवन की अहम पूंजी है। राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शफीउज्जमा ने कहा कि वसुधैव कुटुंम्बकम् की भावना अपने जीवन में अपनाये। शांति का आरंभ मुस्कान और मोहब्बत से होता है। जो लोग द्वेष पूर्ण विचारों से मुक्त रहते हैं वही शांति को अनुभूत करते हैं ।देश में शांति, सौहार्द और प्रेम का दीप सतत् देदीप्यमान रहे। डॉ सिराज अहमद ने कहा कि शांति के लिए कोई विशेष रास्ता नहीं है, शांति अपने आप में ही एक रास्ता है। महात्मा गांधी अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से शांति के आदर्शों को मजबूत करने के लिए समर्पित थे। कार्यक्रम में हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अल्ताफ अहमद, शगुफ्ता खानम, शाहीन बानो, डॉ जावेद अहमद, डा अनिता राय, मोहम्मद आदम, राजलक्ष्मी जायसवाल, शिवांगिनी गुप्ता, सुमैया परवीन, निधि यादव, आकृति चौहान, राशीद खान, सूरज कुमार यादव, सर्वेश मौर्य ,सुजीत कुमार, प्रवीण कुमार आनंद, तूबा, हिना अकमल शेख अनुष्का सिंह मोहम्मद आतिफ स्नेहा गुप्ता अलिशबा एवं सभी छात्र- छात्राएं, शिक्षक उपस्थित थे।

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