आसमान में दिखा अद्भुत खगोलीय नजारा...20 साल बाद धरती के इतने नजदीक आया चांद!



वाराणसी। सावन पूर्णिमा पर आकाश में खगोलीय घटना ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। चांद के धरती के नजदीक आने के कारण रात को हर किसी ने सुपर ब्लू मून का दीदार किया। ज्योतिष और खगोल शास्त्र की अद्भुत घटना हर 20 साल बाद आसमान में नजर आती है। चंद्रमा का धरती के नजदीक आने पर द्वादश राशियों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. अमित कुमार शुक्ला ने बताया कि सुपर ब्लू मून सामान्य दिनों की तुलना में 40 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकीला नजर आता है। ब्लू मून में चंद्रमा नीला नहीं दिखाई देता है। वह थोड़ा हल्का नारंगी या पीला नजर आता है। चंद्रमा नीला तभी दिखाई देता है, जब आसपास बहुत ज्यादा प्रदूषण हो। धूल के कण हवा में बिखरने के कारण चंद्रमा का रंग नीला नजर आता है। श्रावण पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट था। रात 8रू37 बजे सुपर ब्लू मून अपने पूर्ण आकार और चमक के साथ आसमान में नजर आया। ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि खगोल विज्ञान के अनुसार ब्लू मून की घटना तो दो से तीन वर्ष में एक बार घटती है लेकिन सुपर ब्लू मून लगभग दस वर्षों में एक बार आता है। हालांकि इस बार यह 20 साल बाद घटित हुई। अगला सुपर ब्लू मून अब साल 2037 में पड़ने की संभावना है।

दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि चांद 354 दिनों में 12 लूनर चक्र पूरे करता है। एक साल में 12 महीने होते हैं और हर महीने में एक बार पूर्णिमा तिथि आती है। कैलेंडर के हिसाब से चंद्रमा पृथ्वी के साल भर में 12 बार पूर्ण परिक्रमा करता है और उसमें 11 दिन ज्यादा होते हैं। अगर हर साल इन 11 दिनों को जोड़ दिया जाए तो दो साल में 22 और तीन साल में 33 दिन हो जाते हैं। इस तरह 33 दिनों की वजह से हर दो से तीन साल में एक पूर्णिमा तिथि अतिरिक्त जुड़ जाती है। यानी 13वीं पूर्णिमा तिथि 2.5 वर्षों में दिखती है, जिससे ब्लू मून की स्थिति बनती है। क्योंकि हर 13वीं पूर्णिमा तिथि को ब्लू मून होता है। जब एक महीने में ऐसी दोनों ही स्थिति बन रही हो, यानी चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक भी हो और एक माह में दो पूर्णिमा तिथि भी हैं, तब सुपर ब्लू मून बनता है। क्योंकि एक अगस्त को अधिकमास की पूर्णिमा तिथि थी और 30 अगस्त को सावन पूर्णिमा है यानि एक महीने में दो पूर्णिमा तिथि हैं और चंद्रमा भी पृथ्वी के नजदीक है तो इस स्थिति सुपर ब्लू मून बनता है।

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