यूपी में अब एक और लोकसभा सीट पर होगा उपचुनाव? जानिए क्या है इसकी वजह


लखनऊ। यूपी में रामपुर से सांसद रहे आजम खान, आजम के विधायक रहे बेटे अब्दुल्ला आजम और बीजेपी के एक विधायक को कोर्ट से सजा होने के बाद उपचुनाव हुए थे। रामपुर लोकसभा और खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो चुका है। स्वार सीट पर चुनाव होने वाला है। वहीं अब प्रदेश में एक और संसदीय सीट खाली हो सकती है और उस पर भी उपचुनाव हो सकते हैं। यह सीट है गाजीपुर लोकसभा सीट क्योंकि बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने 4 साल कैद की सजा सुनाई है।

बता दें कि दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर सांसदी या विधायकी चली जाती है। इससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि अफजाल अंसारी की सांसदी जाएगी और यह सीट खाली हो जाएगी। गाजीपुर के बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं। उनको चार साल की सजा मिली है। इस वजह से उनकी सांसदी चली जाएगी।

बता दें कि गाजीपुर कभी कम्यूनिस्ट पार्टी का गढ़ हुआ करता था, लेकिन कांग्रेस 1984 के बाद यहां कभी नहीं जीती और लेफ्ट पार्टी 1991 के बाद लड़ाई से बाहर हो गई। अफजाल अंसारी 2004 में सपा और 2019 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में बसपा का सपा से गठबंधन था। अफजाल ने दोनों बार बीजेपी के मनोज सिन्हा को हराया था। अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को तीन बार इस सीट से जीत मिली है। तीनों बार बीजेपी के मनोज सिन्हा ने जीत दर्ज की है।

कांग्रेस 1962 तक तो आसानी से जीतती रही, लेकिन 1967 में कम्यूनिस्ट पार्टी से हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद उसे जीत 1980 में मिली। 1984 में भी कांग्रेस जीती, लेकिन उसके बाद फिर दोबारा कभी नहीं जीत पाई। एक बार निर्दलीय ने 1989 में जीत दर्ज की थी। इस सीट पर तीन बार सपा ने और एक बार सपा-बसपा गठबंधन से 2019 में बीएसपी के अफजाल अंसारी ने जीत दर्ज की है।

गाजीपुर जिले में 7 विधानसभा हैं, जिसमें 5 सपा के पास और 2 ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के पास हैं। 2022 के चुनाव में गाजीपुर में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि गाजीपुर लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें 4 सपा के पास हैं और 1 राजभर की पार्टी के पास हैं।

गाजीपुर लोकसभा के जातीय आंकड़े

यादव- 3.75 से 4 लाख
बिंद- 1.50 से 1.75 लाख
ब्राहृमण- 80 हजार से 1 लाख
दलित- 3.50 से 4 लाख
कुशवाहा- 1.50 से 1.75 लाख
राजभर- 75 हजार से 1 लाख
अन्य ओबीसी 3 लाख
मुस्लिम- 1.50 से 1.75 लाख
भूमिहार- 50 हजार
क्षत्रिय- 1.75 से 2 लाख
वैश्य- 90 हजार से 1 लाख
अन्य सवर्ण जातियां- 50 हजार

Post a Comment

0 Comments