अतीक से जुड़े पांच बड़े खुलासेः दफ्तर में मिली लाश!

इंसानी खून के ही थे धब्बे, अशरफ का आईएसआई कनेक्शन, शाइस्ता...

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में फरार माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता और बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में मंगलवार को उसके देवर अशरफ की ससुराल में छापा मारा गया। लेकिन शाइस्ता हाथ नहीं आई। इसके अलावा, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को अतीक के कार्यालय में लाश मिलने की अफवाह फैली। अतीक के कार्यालय में सोमवार को मिले धब्बे इंसानी खून के थे। अशरफ का आईएसआई कनेक्शन सामने आया है। इसके अलावा, पुलिस ने असद के दो दोस्तों को भी उठाया है।

अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में मंगलवार को उसके देवर अशरफ की ससुराल में छापा मारा गया। पूरामुफ्ती के हटवा गांव स्थित ससुराल में पहुंचकर पुलिस फोर्स ने दो घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। यहां अशरफ की पत्नी और अतीक की बहन आयशा नूरी के भी छिपे होने की खबर मिली थी। हालांकि सघन तलाशी के बाद भी तीनों का कुछ पता नहीं चला, जिसके बाद टीम लौट आई।

अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा का मायका हटवा गांव में है। उसके पिता के साथ ही भाई वहां रहते हैं, जोकि फरार हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि शाइस्ता व उसकी ननद आयशा नूरी इसी घर में छिपकर फरारी काट रहे हैं। साथ ही जैनब फातिमा के भी छिपने की सूचना थी। ऐसे में पूरामुफ्ती थाने की फोर्स लेकर एसओ उपेंद्र प्रताप सिंह ने दोपहर दो बजे के करीब यहां छापा मारा। इस दौरान जैनब के मायके में ताला लगा मिला। इसी दौरान पता चला कि अशरफ की पत्नी की एक बहन भी हटवा गांव के कछार में रहती है। जिसके बाद पुलिस की टीम वहां भी पहुंची। वहां तलाशी के दौरान महिलाओं से पुलिसकर्मियों की नोकझोंक भी हुई। हालांकि पुलिस ने एक नहीं सुनी और तलाशी अभियान जारी रखा। इसके बाद गांव में अन्य संभावित जगहों पर भी पहुंचकर तीनों फरार आरोपियों की तलाश की। लेकिन पुलिसकर्मियों को मायूसी ही हाथ लगी।

उमेश पाल हत्याकांड में वांछित शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम घोषित है। वह 59 दिन से फरार है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। उसकी तलाश में मेरठ, लखनऊ, प्रतापगढ़ समेत कई अन्य शहरों में भी छापा मारा जा चुका है। हालांकि पुलिस अब तक उसे पकड़ा पाने में नाकाम है। इसके साथ ही उसकी देवरानी और अशरफ की पत्नी जैनब व ननद आयशा नूरी का भी अब तक पता नहीं लगाया जा सका है। जानकारों का कहना है कि भले ही पुलिस शाइस्ता की तलाश में कई शहरों की खाक छान रही है। हालांकि उसके लिए छिपने की सबसे मुफीद जगह उसके परिवार के करीबियों की बस्ती है। इसमें मरियाडीह से लेकर हटवा, सल्लाहपुर, भीटी, सिलना, लखनपुर, महगांव, मोहब्बतगंज, गंजिया आदि हैं। इन जगहों पर अतीक के कई करीबियों के ठिकाने हैं।

उधर मंगलवार को शाइस्ता परवीन की दो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इनमें से एक में वह मुस्कुराते हुए, जबकि दूसरे में किसी से फोन से बातें करती नजर आ रही है। चर्चा यह भी है कि यह तस्वीरें असद के एनकाउंटर से पहले की हैं। अतीक के करबला स्थित कार्यालय में मंगलवार को लाश की अफवाह फैली तो हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने एसीपी शाहगंज के नेतृत्व में पुलिस टीम को भेजा। कार्यालय के चप्पे-चप्पे की छानबीन की गई। इसके बाद पुलिस ने इसे अफवाह करार दिया। पुलिस का कहना था कि जो बदबू आ रही है, वह किसी और चीज की है। इसके बाद पूरे कार्यालय के अंदर बाहर फोर्स लगा दी गई। अब कार्यालय में 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी। अतीक के कार्यालय में सोमवार को मिले धब्बे इंसानी खून के थे। अगले 24 घंटों में ब्लड ग्रुप तथा अन्य बातों का भी पता चल जाएगा। सैंपल में इंसानी हीमोग्लोबीन की मात्रा पाए जाने के बाद इस बात की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही पुलिस की टीम इस बात की जांच में भी जुट गई कि आखिर कार्यालय में हुआ क्या था। इंसानी खून, कुर्ती और टूटी चूड़ियों के मिलने की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

आस पास के डाक्टरों, क्लीनिक और अस्पतालों में भी मंगलवार को छानबीन की गई कि रविवार रात कोई घायल गया था कि नहीं। इतना तय है कि कार्यालय में कोई न कोई घायल हुआ था। अतीक अहमद के कार्यालय में सोमवार को दूसरी मंजिल से छत तक नौ जगह खून के धब्बे मिले थे। इसके अलावा खून से सना चाकू, किसी महिला की कुर्ती और टूटी चूड़ियां भी मिली थीं। फोरेंसिक टीम ने खून का सैंपल लेकर लैब में भेजा था। सूत्रों के मुताबिक खून के सैंपल में इंसानी हीमोग्लोबीन की मात्रा मिलने पर यह लगभग तय हो गया है कि वहां मिले धब्बे इंसानी खून के थे। पुलिस की कोशिश है कि जल्द से जल्द ब्लड रिपोर्ट मिले तो कई अन्य बातों का भी खुलासा होगा। फिलहाल पुलिस मानकर चल रही है कि रविवार की रात वहां कोई न कोई घटना जरूर हुई है। वहां जरूर कोई पुरुष या महिला घायल हुई है। इंसानी खून के धब्बे, टूटी चूड़ियों और कुर्ती की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इतना साफ है कि वहां महिला और पुरुष दोनों ही लोग थे। संख्या कितनी थी, यह जांच के बाद पता चलेगा। मंगलवार को पुलिस ने करबला के आस पास कई डाक्टरों से पूछताछ की।

अतीक अहमद के भाई अशरफ का आतंकी कनेक्शन सामने आया है। उसने देश में रहकर आईएसआई के स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले युवक की सिफारिश में एक पत्र लिखा था। जीशान कमर नाम के इस युवक को 1.5 साल पहले करेली से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर देश के कई बड़े शहरों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की प्लानिंग में लगा था। स्लीपर सेल की सिफारिश में अशरफ ने यह पत्र अपने लेटर पैड पर अगस्त 2017 में लिखा था। यह पासपोर्ट अधिकारी को संबोधित था। इसमें लिखा गया था कि जीशान कमर पिछले कई सालों से मेरे यहां काम करते हैं। यही नहीं इनसे मेरे घर जैसे ताल्लुक हैं। इसलिए जल्द इनका पासपोर्ट बनवाया जाए। इन्हें अपने काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करनी है। इस पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसके बाद माफिया भाइयों के आतंकी कनेक्शन की चर्चा तेज हो गई है।

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