इनमें से ज्यादातर पर निर्माण हो चुका है। इनके आपराधिक रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं। डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि इन्होंने अवैध तरीके से निर्माण कराए हैं, जिसे ध्वस्त किया जाएगा। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि इन्होंने सरकारी जमीन पर भी निर्माण करा लिए हैं। ऐसी जमीन जब्त की जाएगी। डीएम का कहना है कि गलत तरीके से बनाई गई जमीन जब्त भी की जाएगी। जरूरी प्रक्रिया पूरी कर जल्द कार्रवाई की जाएगी। अतीक के मददगारों एवं करीबी लोगों के खिलाफ कार्रवाई से पहले प्रशासन किसी तरह की चूक नहीं करना चाहता।
इसलिए उनके आपराधिक रिकार्ड तो खंगाले ही जा रहे हैं, उन्होंने पैसा कहां से कमाया इसका भी विवरण तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एलआईयू, ईडी समेत अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। अतीक के करीबियों एवं भूमाफिया की पूर्व में भी सूची तैयार हुई थी। कई भूमाफिया ने झलवा, मुंडेरा तथा आसपास के क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर भी प्लाटिंग कर दी है। प्रशासन ने इसकी भी सूची तैयार की है लेकिन एक-दो के खिलाफ ही कार्रवाई हुई। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासन ऐसे लोगों को मौका ही क्यों देता है। इसके अलावा भूमाफिया के खिलाफ सतत कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
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