हाईटेक नकल का खुलासाः दो छात्राओं सहित 8 ने पास होने को दिए थे 15-15 लाख...ऐसे रची थी साजिश


वाराणसी।
केंद्रीय विद्यालयों की ऑनलाइन प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली के प्रयास में गिरफ्तार आरोपियों की बड़ी कारस्तानी सामने आई है। एसटीएफ की जांच से पता चला है कि प्रयागराज में बैठकर सॉल्वर हाईटेक तरीके से बनारस के अभ्यर्थियों के पेपर हल करा रहे थे। अभ्यर्थियों के कंप्यूटर की कमान भी सॉल्वरों के हाथ में थी। अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में बैठकर पास समय काट रहे थे। गिरफ्तार दो छात्राओं सहित 8 ने भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए 15-15 लाख रुपये एजेंट के माध्यम से एडवांस दिए थे। अब एसटीएफ हरियाणा के पलवल से गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के सरगना चितरंजन शर्मा के सहारे पूरे गिरोह पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। एसटीएफ की वाराणसी इकाई सरगना को लेकर आ चुकी है। 

एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी, प्रयागराज और पलवल से गिरफ्तार 21 आरोपियों में दो छात्राओं सहित 8 शामिल हैं। परीक्षा केंद्रों के छह टेक्निकल स्टॉफ, छह सॉल्वर व एजेंट और एक सरगना को पकड़ा गया है। परीक्षार्थी और टेक्निकल स्टाफ वाराणसी से, छह सॉल्वर व एजेंट प्रयागराज से और सरगना पलवल से गिरफ्तार किए गए। इस फर्जीवाड़े में शामिल चार एजेंट की तलाश की जा रही है। एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि में सॉल्वर गिरोह के हाईटेक तरीके से धांधली के प्रयास की सूचना मिली थी। जांच में सामने आया कि गिरोह का सरगना चितरंजन शर्मा हरियाणा के पलवल में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा है। उसके सॉल्वर और एजेंट प्रयागराज में बैठे हैं। 

बनारस में अभ्यर्थी और उनकी मदद करने वाले परीक्षा केंद्रों के टेक्निकल स्टॉफ मौजूद हैं। सभी की धरपकड़ के लिए एसटीएफ की तीन टीमें लगाई गईं। इन टीमों ने बनारस, प्रयागराज और पलवल में एक साथ छापा मारे और पहले से चिह्नित 21 आरोपियों को दबोच लिया। सभी आरोपियों को सुबह नौ बजे से 12 बजे तक होने वाली पहली पाली की परीक्षा के दौरान गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने बताया कि शिक्षक भर्ती परीक्षा ऑनलाइन संचालित की जा रही थी। इसका फायदा आरोपियों ने उठाया। रिमोट एक्सेस के द्वारा नकल कराने का गिरोह चितरंजन शर्मा पलवल स्थित अपने घर से संचालित करता था। उसकी गैंग के एजेंट कई जिलों में फैले हुए हैं। अभ्यर्थी जब एजेंट के झांसे में आ जाते हैं तब प्रति अभ्यर्थी लगभग 15 लाख रुपये नकल कराकर पास कराने के लिए वसूले जाते हैं।

परीक्षा नजदीक आते ही सॉल्वरों को गुप्त स्थान पर लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस उपलब्ध कराया जाता है। शनिवार को सॉल्वरों को प्रयागराज के विश्वविद्यालय रोड स्थित पंत हॉस्टल में जमा किया गया था। एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने बताया कि एपटेक कंपनी द्वारा परीक्षा केंद्र पर प्रदत्त सर्वर से अलग-अलग कई कंप्यूटर नोड और लैन (लोकल एरिया नेटवर्क) के माध्यम से जुड़े रहते हैं। प्रत्येक नोड/सीट पर एक समय पर एक ही परीक्षार्थी बैठता है। परीक्षा से एक दिन पहले एक अलग लैपटॉप/डेस्कटॉप पर सीसी प्रॉक्सी एप इंस्टाल कर एपटेक कंपनी के सर्वर का डुप्लीकेट (प्रॉक्सी) सर्वर बनाया जाता है। इसके बाद परीक्षा केंद्र के कुछ बफर नोड (कंप्यूटर) पर चितरंजन के कहने पर एनी डेस्क एप इंस्टॉल किया गया।चितरंजन इस एप के माध्यम से रिमोट एक्सेस अम्मी एडमिन/ वीएम वेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करता है। अम्मी एडमिन सॉफ्टवेयर लैन केबल के माध्यम से बाह्य इंटरनेट सेवा प्रदान करता है और रिमोट एक्सेस भी देता है। 

वहीं, वीएम वेयर साफ्टवेयर वर्क स्टेशन साफ्टवेयर है, जो वर्चुअल कंप्यूटर तैयार करता है। इससे यह पता नही चल पाता कि परीक्षा केंद्र के कुछ नोड पर इंटरनेट सेवा संचालित है। पलवल से गिरफ्तार गिरोह का सरगना चितरंजन शर्मा बीएससी (कंप्यूटर साइंस) पास है। एसटीएफ की टीम ने जब उसके घर पर छापा मारा तो वह पांच लैपटॉप खोल कर बैठा था। उसके पांचों लैपटॉप इंटरनेट से कनेक्ट थे। वह सॉफ्टवेयर की मदद से सॉल्वरों की गतिविधियों पर नजर रखा था। उसने बताया कि सॉल्वरों के लिए वह बीएससी-एमएससी पास प्रतियोगी परीक्षाएं दे चुके युवकों को अपने गिरोह में शामिल करता है। वाराणसी और प्रयागराज पूर्वांचल में प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले छात्र-छात्राओं के एक बड़े केंद्र हैं। इसलिए इन शहरों में उसके एजेंट की संख्या ज्यादा है। उन एजेंट की नजर हॉस्टल और लॉज में रहने वाले छात्रों पर रहती है।

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