आजमगढ़ः सावधान! हवाई अड्डे के एआरपी से 10 किमी के परिधि मे ये...सब काम किया तो होगी कार्रवाई...

20 किमी के अंदर बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए नहीं होगा निर्माण कार्य...


आजमगढ़।
जिला मजिस्ट्रेट विशाल भारद्वाज ने बताया कि द एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 के नियम 91 के अन्तर्गत हवाई अड्डे के एआरपी से 10 किमी0 के दायरे के आस पास पशुओं के वध और उन्हे भगाने, कूड़ा करकट और अन्य प्रदूषित या आपत्तिजनक पदार्थ जमा करने का निषेध है। उन्होने नियम 91 के बारे में बताया कि एआरपी से 10 किमी0 के दायरे में कोई भी व्यक्ति किसी भी जानवर का बध या हत्या नही करेगा या कोई कचरा, गंदगी या कोई अन्य प्रदूषित या अप्रिय पदार्थ जमा या गिराएगा नहीं। 

ऐसी सामग्री सहित होटल, मीट की दुकानों, मछली की दुकानों और हड्डी प्रसंस्करण मिलों से निकलने वाली सामग्री जो गिद्धों या अन्य पक्षियों और जानवरों को आकर्षित करती है या आकर्षित करने की संभावना है, को भी एआरपी से 10 किमी0 के दायरे में निषेधित किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति या संस्था आजमगढ़ हवाई अड्डे की उक्त 10 किमी0 की परिधि मे बिना नागरिक उड्डयन विभाग की अनुमति के उपरोक्त कार्यों हेतु उत्तरदायी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सुसंगत नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।

 जिला मजिस्ट्रेट विशाल भारद्वाज ने शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में बताया कि विमान प्रचालनों की संरक्षा हेतु नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित नागर विमानन मंत्रालय (विमान प्रचालनों की रक्षा हेतु ऊँचाई संबंधित प्रतिबन्ध) के नियम 2015 में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार से लाइसेंस प्राप्त हवाई अड्डे तथा ऐसे हवाई अड्डे जिन्हे अभी तक लाइसेन्स प्राप्त नही हुआ है, उनके एआरपी (एरोड्रम रिफरेंस पाइंट) से 20 किमी0 की परिधि में किसी भूमि पर निर्धारित ऊँचाई क्लीयरेंस के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना किसी संरचना के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है।

नागर विमानन मंत्रालय (विमान प्रचालनों की रक्षा हेतु ऊँचाई संबंधित प्रतिबन्ध) नियम 2015 के अनुसार ही जिले में भी आजमगढ़ हवाई अड्डे के एआरपी से 20 किमी0 की परिधि में किसी भूमि पर निर्धारित ऊँचाई क्लीयरेंस के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना किसी संरचना के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी निवासियों एवं विभागों से तद्नुसार उक्त अधिसूचनाओं में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही कार्यवाही सम्पादित किये जाने की अपेक्षा की जाती है।

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