लंबे समय बाद एक मंच पर आए अखिलेश-शिवपाल ...फिर जाने क्या हुआ!


इटावा।
चाचा-भतीजे में कभी दूरियां नहीं थीं. सिर्फ राजनीतिक दूरियां थीं, वह भी दूर हो गई हैं. यह बात रविवार को एसएस मैमोरियल इंटर कॉलेज में हुए सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही. उन्होंने कहा कि अब घबराहट तो बीजेपी को हो रही होगी. अगर जसवंतनगर ने मन बना लिया और करहल साथ चल दिया. मैनपुरी ठीक हो गई, किश्नी के लोग मन बनाए हैं और भोगांव में भी जीतने वाले हैं, तो सोचो परिणाम इस बार क्या होगा. बहुत सी सरकारें यहां के लोगों ने देखी है. यह पहली सरकार देखी होगी, जो सब वादे भूल गई होगी.

दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा के सैफई में आयोजित जनसभा के दौरान पीएसपी प्रमुख और चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छुए। उन्होंने कहा कि इतनी परेशानी, तकलीफ, साजिश और षड़यंत्र कोई और पार्टी नहीं करती जितनी भारतीय जनता पार्टी करती है. भाजपा की परेशानी की दवा न वैध के पास है न हकीम और अस्तपलों के पास है.

वहीं प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आपने कहा था कि एक हो जाओ, हम एक हो गए. वहीं, डिंपल यादव की जीत के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देशित भी कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में प्रो. रामगोपाल यादव सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद हैं. इटावा-मैनपुरी की राजनीति में भावनाएं और रिश्ते काफी अहम होते हैं. शिवपाल इसे बखूबी जानते और मानते हैं. उनका समर्थन डिंपल को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा कर सकता है. इसलिए, उनके निर्णय पर खुशी भी जताई जा रही है और उन्हें उचित स्थान देने की मांग भी हो रही है.

गौरतलब है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट को जीतने के लिए अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी मैदान में उतर आए हैं. अब उपचुनावों के नतीजों से अंदाजा लगाया जा सकेगा कि शिवपाल के फैक्टर का क्या असर होता है.

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