भाभी संग मिल भाई को मार कर घर में ही कर दिया दफन, चार साल बाद... ऐसे खुला राज


गाजियाबाद। नंदग्राम के गांव सिकरोड़ से चार साल पहले 28 सितंबर 2018 को लापता हुए चंद्रवीर की उनकी पत्नी सविता ने देवर अरुण के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. अरुण ने अपने घर में छह फुट का गड्ढा खोद शव उसमें दबाकर सीमेंट का फर्श करा दिया था. इस रहस्य से पर्दा कभी नहीं उठ पाता अगर एसएसपी ने पुराने अनसुलझे मामलों की फाइल एक बार फिर से न खुलवाई होती. नए सिरे से हुई जांच-पड़ताल में चंद्रवीर की बेटी ने मां और चाचा पर शक जाहिर किया. इसी सुराग से पुलिस ने खुलासा कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

पड़ोस में रहने वाले अरुण के घर में गड्ढा खोदवाकर चंद्रवीर का कंकाल बरामद किया है. पुलिस का कहना है कि प्रेम संबंध का पता चलने पर चंद्रवीर सविता की पिटाई करने लगा था. इसी पर साजिश रचकर हत्या की गई. अरुण चंद्रवीर का चचेरा भाई है. दोनों काफी समय से पैतृक संपत्ति बेचकर गुजारा कर रहे थे. चंद्रवीर के लापता होने पर सिहानी गेट थाने में उनके भाई भूरे ने पांच अक्तूबर 2018 को गुमशुदगी दर्ज कराई थी. इस पर सविता ने भूरे पर ही संपत्ति हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए शक जाहिर किया.


यह भी कहा कि हो सकता है कि हत्या करके शव जमीन में दबा दिया हो. इस पर पुलिस ने चंद्रवीर के घर में दो बार खोदाई करवाई थी, लेकिन कुछ मिला नहीं. पुलिस ने भूरे से पूछताछ के बाद गुमशुदगी की फाइल बंद कर दी थी. पिछले दिनों एसएसपी मुनिराज जी. ने ऐसे सभी मामलों की फाइलें निकलवाई जो अनसुलझे रह गए. ये केस थाना पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच को दिए गए. क्राइम ब्रांच ने चंद्रवीर की बेटी से पिता की गुमशुदगी के बारे में पूछा.

बेटी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा, चाचा अरुण रात में मां सविता से मिलने के लिए आते थे. इससे पापा नाराज रहते थे. कई बार मां को पीटा भी था. बदनामी के डर से वह अब तक चुप रही. पुलिस ने इस आधार पर सविता और अरुण से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या कर शव को गड्ढे में दबाना कुबूल कर लिया. साजिश के तहत अरुण ने अपने घर में बने घेर में चार दिन तक गड्ढा खोदा. अरुण अपने माता-पिता के साथ रहता है. अरुण का मेरठ में भी एक मकान है. वारदात को अंजाम देने के लिए वह अपने माता-पिता को मेरठ छोड़ आया था.

एसपी क्राइम डॉ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि अरुण, सविता को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त तमंचा, कुल्हाड़ी, बाल्टी बरामद कर लिए गए हैं. कंकाल का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा चंद्रवीर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले उनके भाई भूरे की हत्या हो चुकी है. इसके आरोप में उनका बेटा जेल गया. हत्या के पीछे संपत्ति का विवाद सामने आया था. भूरे की मौत के बाद चंद्रवीर की गुमशुदगी के मामले में किसी ने पुलिस में पैरवी नहीं की.

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