कार्तिक पूर्णिमाः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व... इन हिस्सों में दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण


आजमगढ़। कार्तिक पूर्णिमा की तिथि सात नवंबर की शाम से प्रारंभ हो गई है लेकिन उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान आठ नवंबर को ही मान्य होगा। इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगा रहेगा। पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। जबकि देश के बाकी हिस्सों में लोगों को ग्रहण का आंशिक चरण ही नजर आएगा।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा सात नवंबर को शाम 04.15 से शुरू हो गई जो आठ नवंबर शाम 04.31 तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर आठ नवंबर को सूर्याेदय से पूर्व और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.57 से सुबह 05.49 तक रहेगा। इस दिन लग रहे चंद्र ग्रहण का पूरी दुनिया में व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

भारतीय समय के अनुसार दुनिया में चंद्र ग्रहण की शुरुआत आठ नवंबर को दोपहर में 2.39 पर हो जाएगी। भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से ही दिखाई देगा। भारत में चंद्रग्रहण की शुरुआत शाम 5.29 होगी और शाम को 6.19 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष के अनुसार ग्रहण काल का सूतक नौ घंटे पूर्व से लग जाता है। इसलिए प्रातः 8.29 से सूतक प्रारंभ हो जाएगा। इस समय के बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। शाम को ग्रहण मोक्ष पर ही मंदिरों के कपाट और पूजा.पाठ प्रारंभ होंगे। इससे पहले स्नान.दान किया जा सकेगा।

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