वृंदावन। साधकों की नगरी में संतों के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है. एक नया विवाद महिला महामंडलेश्वर को मोबाइल पर अश्लील फोटो भेजने से शुरू हुआ. चतुरू संप्रदाय के महंत फूलडोल बिहारी दास के खिलाफ इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है. पांच माह पहले अश्लील फोटो वायरल होने के बाद शुरू हुआ विवाद, अब थाने पहुंचा है. महिला महामंडलेश्वर को उपाधि पर सवाल खड़े हुए और फिर अश्लील फोटो वाट्सएप पर भेजने के मामले में महंत पर रिपोर्ट दर्ज हो गई.
दरअसल, 20 मई को चतुरू संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास के आश्रम में रहने वाले नागा साधु ने महंत के मोबाइल से कुछ लोगों के व्हाट्सएप पर अश्लील फोटो वायरल कर दिए. उस समय ये मामला चर्चा का विषय बना. बात महंत फूलडोल बिहारीदास तक पहुंची, उन्होंने पहले तो मामले से अनभिज्ञता जताई. जब उन्हें फोटो दिखाए गए, तो खेद जताया और नागा साधु से माफी मंगवाई. माफी का वीडियो भी वायरल हुआ. बाद में आपसी बातचीत से मामला शांत हो गया. कुछ दिन बाद जिस महिला के मोबाइल पर अश्लील फोटो पहुंचा था. एक अखाड़े के महामंडलेश्वर ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दे दी. ये विवाद का विषय बन गया.
जिस महामंडलेश्वर ने महिला को ये उपाधि दी, वृंदावन का संत समाज उन्हें ही महामंडलेश्वर नहीं मानता है. ऐसे में चतुरू संप्रदाय की एक बैठक 16 जुलाई को चौतन्य कुटी आश्रम में हुई. इसमें संत समाज ने आरोप लगाए कि जो महिला गृहस्थ जीवन में है, उसे नियमों और परंपरा के विरुद्ध किस आधार पर महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई. कुछ दिनों तक मामला गरमाया. बात आई, गई हो गई. घटना के पांच महीने गुजर जाने के बाद महिला ने कोतवाली में महंत पर अश्लील फोटो भेजने व उसे महामंडलेश्वर की उपाधि पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया है.
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