आजमगढ़: CCC परीक्षा के नाम पर छात्रों से धन उगाही का आरोप...

जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग


आजमगढ़
। पूर्व छात्र नेता शौर्य सिंह कौशिक का आरोप है कि सीसीसी की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से लगातार वर्षों से इस बात की शिकायत मिलती रही है कि आज़मगढ़ में सीसीसी (सीसीसी कोर्स ऑन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स) के परीक्षा केंद्र उमा इलेक्ट्रॉनिक इंस्टिट्यूट, स्टेडियम के सामने आराजीबाग, आज़मगढ़, (जो आज़मगढ़ और मऊ दोनों जनपदों का एक मात्र परीक्षा केंद्र है) में परीक्षा के समय नकल कराने के नाम पर छात्रों से धन उगाही की जाती है। अपने स्तर हम सबने इसको रोकने के कई प्रयास किये लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। जिसके सम्बन्ध में सोमवार को जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन दिया गया।


अश्वनी मिश्रा व विनीत सिंह रिशु ने कहा कि सामाजिक उत्थान के कार्यों से लगातार जुड़े रहने के कारण अब हम छात्रों को ऐसा महसूस हुआ कि योग्य और मेधावी छात्रों के भविष्य और सरकार की स्किल्ड इंडिया की मंशा को साकार करने के लिए इसकी सूचना डीएम के माध्यम से प्रदेश सरकार तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। केंद्र संचालक के रवैये और लगातार दशकों से इसी एक इंस्टीट्यूट को परीक्षा केंद्र बनाए रखे जाना इस बात का प्रमाण प्रतीत होता है कि इस असामाजिक, अनैतिक और गैरकानूनी कृत्य में केंद्र संचालक के साथ परीक्षा नियंत्रक और NIELIT के क्षेत्रीय कार्यालय, गोरखपुर के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी इस कृत्य में सम्मलित हैं।

चूंकि सीसीसी पास करना कई नौकरियों के लिए अनिवार्य पात्रता है। इस कारण से भी इसका महत्व बढ़ जाता है। यह परीक्षा और इसकी सुचितापूर्ण प्रमाणपत्र भारत सरकार की स्किल्ड इंडिया मिशन के लिए एक मजबूत कड़ी है। अगर कंप्यूटर ज्ञान से संबंधित इस बेहद ही महत्वपूर्ण परीक्षा में अनुचित तरीके से अयोग्य छात्र पास हो कर नौकरी पाने में सफल होते रहेंगे तो यह भारत सरकार के स्किल्ड इंडिया के सपनो पर एक कुठाराघात साबित होगा। और साथ ही साथ इस प्रकार के प्रलोभन से योग्य छात्रों का भविष्य भी प्रभावित होगा। विनीत सिंह रिशु, अश्वनी मिश्रा, शौर्य सिंह कौशिक, पार्थ दुबे, मोनू विश्वकर्मा, शतिष यादव, जगदीप आदि लोग रहे।

Post a Comment

0 Comments