आज 9 सेकंड में जमीदोंज हो जाएगा सुपरटेक ट्विन टावर-जाने कितना होगा खर्च


नोएडा।
सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने में कुछ ही घंटे शेष बचे है. रविवार के दिन अवैध नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित ट्विन टावरों को गिरा दिया जाएगा. इसे गिराने में 3500 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया जा रहा है. करीब 400 करोड़ रुपये का बजट में तैयार दोनों टावर के ध्वस्तीकरण में 17.55 करोड़ खर्च होंगे. इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत की गई है. आसपास के रिहायशी इलाकों को खाली कराया गया है. भारी पुलिस बल तैनात है. धारा-144 लागू कर दी गई है. दोनों टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान सुचारू यातायात व्यवस्था के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार किया गया है. डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा का कहना है कि यातायात असुविधा उत्पन्न होने पर लोग हेल्पलाइन नंबर-9971009001 पर संपर्क कर सकते हैं.

दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-93ए की एमरॉल्ड सोसायटी में अवैध रूप से बना एपेक्स और सियान टावर रविवार को दोपहर ठीक 2.30 बजे एक ब्लास्ट के साथ ही जमींदोज हो जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ट्विन टावर (सियान और एपेक्स) से तकरीबन 50-70 मीटर मौजूद रहकर रिमोट का बटन दबाएंगे, इसके बाद तेज ब्लास्ट के साथ ही दोनों टावर ढह जाएंगे. चेतन के मुताबिक, इस दौरान धूल का गुबार होगा, लेकिन इसमें कोई खतरा नहीं होगा और पूरा यकीन है कि टावर सही तरीके से ढह जाएंगे. चेतन का कहना है कि ब्लास्ट के 9 सेकंड के भीतर सभी शॉक ट्यूबों में डेटोनेटर को प्रज्वलित कर देगा और बिल्डिंग जमींदोज हो जाएगी. लगभग 100 मीटर ऊंची इमारत को गिराने में लगे भारतीय और विदेशी ब्लास्टर की एक टीम को छोड़कर टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में किसी के भी आने की अनुमति नहीं है.

सुपरटेक ट्विन टावर प्रोजेक्टः 23 नवंबर 2004 को एमराल्ड कोर्ट का निर्माण 48 हजार 260 वर्गमीटर जमीन पर किया जाना था. जुलाई 2006 में बनना शुरू हुआ. दोनों टावर का निर्माण कार्य करीब 400 करोड़ रुपये का बजट में 2 मार्च 2012 तक चला. अब दोनों टावर के ध्वस्तीकरण में 17.55 करोड़ खर्च होंगे. पहली बार 29 दिसंबर 2006 में मानचित्र में संशोधन हुआ. दूसरी बार 26 नवंबर 2009 में मानचित्र में संशोधन हुआ. बायर्स- 935, एपेक्स 32 मंजिल और सियान 29 मंजिल. सात लाख स्क्वायर फीट में 915 फ्लैट बने, इसके अलावा 21 दुकानें और दो बेसमेंट. अब यह टावर इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. इन टावरों को निर्माण नियमों का उल्लंघन करके हुआ है. जिस कारण सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया है.

Post a Comment

0 Comments