लम्बे समय से जिलों के अंदर तबादले नहीं किए गए हैं. केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 79 हजार शिक्षक ऐसे हैं जो सरप्लस हैं यानी जिनकी तैनाती छात्रों के अनुपात में ज्यादा है. कई जिलों में ऐसा है कि शहरों या आसपास के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है और गांव के भीतरी इलाकों के स्कूलों में संख्या कम है. आरटीई के मुताबिक प्राइमरी में 30 और जूनियर कक्षाओं में 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए. इससे ज्यादा शिक्षक सरप्लस की श्रेणी में रखे गए हैं. सरकार तबादले करके इस अनुपात को दुरुस्त करना चाहती है.
वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में म्यूचुअल तबादले और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों पर सहमति बन गई है. बैठकों पर इस पर सहमति बनी है कि तबादले सत्र के बीच में करके कार्यमुक्ति व कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया जाड़े की छुट्टियों में की जाए लेकिन इस पर अब भी मंथन चल रहा है. शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले दिसम्बर, 2020 में किए गए थे. तब से शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने शैक्षिक सत्र के बीच में तबादलों पर रोक लगा दी है लिहाजा अंतरजनपदीय तबादलों के लिए शिक्षकों को अगले वर्ष का इंतजार करना होगा. 80 हजार से ज्यादा शिक्षक अंतरजनपदीय तबादलों की राह देख रहे हैं.
0 Comments