बनकट स्थित वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल में 7वे दीक्षांत समारोह का आयोजन
आजमगढ़। बनकट स्थित वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल के 7वे दीक्षांत समारोह मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मोहम्मद अली सोनभद्र अपने अर्धांगिनी संग शामिल हुए। उन्होंने अपने अभिभाषण में शिक्षा को सर्वाेपरि बताया और कहा कि मैं एक मुस्लिम हूं पर हमने संस्कृत से स्नातक किया हैं गीता का श्लोक सुनाते हुए कहाकि परायी स्त्री को माँ के समान समझना चाहिये और पराये धन को मिट्टी के समान तथा सभी जीवों को अपने समान वही ज्ञानी हैं। उन्होंने माँ के गोंद को पहली पाठशाला बताते हुए कहाकि माँ ही अपने बच्चों के अन्दर शिक्षा और संस्कृति का विकास कर सकती है। कहाकि अपने बच्चों को तरक्की करवाइये, शिक्षा दिलवाइये इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। अन्ततः शिक्षा हर हाल में ज़रूरी है।
मार्च पास्ट संग तिलक लगाकर अभिनंदन
मुख्य अतिथि को विधालय के बैंड ग्रुप ने मार्च पास्ट के साथ कार्यक्रम स्थल तक लाया गया तत्पश्चात बच्चों और शिक्षिकाओ के समूह ने उन्हें माला और तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया। विद्यालय के प्रबंधन निदेशक शिव गोविन्द सिंह व संरक्षक अरविंद सिंह जी ने मां सरस्वती के चरणो में पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज़ किया। विद्यालय के होनहार बच्चों को उनके विभिन्न कार्यक्रमों एवम् शानदार प्रस्तुतियो के लिए प्रथम, द्वितीय एवम् तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया।
मिस्टर वेदांता तेजस राय व मिस वेदांता तनिषा वर्मा का सम्मान
इस कड़ी में छोटे बच्चों के सेक्शन से प्रतीक, आभास, आराध्या बरनवाल, अनुश्री सिंह तो वहीं प्राइमरी सेक्शन से मोहमद उमर, अंबिका सिंह, सोनु चौहान, अनंत सिंह, आयुष यादव। तो दूसरी ओर सीनियर विंग्स से सुजल, आयुष चौहान, खुशी सिंह, मानस मौर्य, वाशिक शेख एवम् आयशा खान ने प्रथम, द्वितीय एवम् तृतीय स्थान पाकर विद्यालय का नाम रौशन किया। सातवीं पारितोषिक वितरण समारोह के दूसरे पहलू में मिस्टर वेदांता और मिस वेदांता का सेहरा क्रमशः तेजस राय एवम् तनिषा वर्मा को मिला। बेस्ट टीचर अवॉर्ड श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव एवम् टीचर अप्रिशिएशन सर्टिफिकेट उजाला गुप्ता को दिया गया। इस सम्मान के लिए दोनों शिक्षिकाओँ ने स्कूल प्रशासन को अपना आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में और अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा दिलाया।
सर्वागीण विकास को ड्रेस, डिसिप्लिन व डाइट महत्वपूर्णः शिव गोविंद
विद्यालय के प्रबंधक निदेशक शिव गोविंद सिंह ने ड्रेस, डिसिप्लिन और डाइट के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रत्येक माता पिता को अपने बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। समय समय पर विद्यालय के अध्यापकों से प्रधानाचार्य से अपने बच्चों के बारे में जानकारी लेते रहना चाहिए। बच्चों के विकास में उनके माता पिता और गुरु का अहम योगदान होता है अतः अपने बच्चो पर विशेष ध्यान देने की आवश्कता है। प्रधानचार्य आर एस शर्मा ने कहा कि अभी हम ज्ञान परक शिक्षा ही लेते आये हैं और अब हम ब्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को शुरू से ही दी जाएगी जिससे बच्चा जब स्कूल से बाहर निकलता है तो उसको नौकरी खोजने की जरूरत नहीं बल्कि नौकरी देने योग्य होगा। इस कार्यक्रम का संचालन निकिता सिंह ने किया तथा बच्चों को प्रमाण पत्र देने में नीलम चौहान, इर्तज़ा निशात, सनोवर जी महती भूमिका निभाई।
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