गोरखपुर। वाराणसी हाईवे पर गोरखपुर के बेलीपार थाना इलाके में महावीर छपरा के पास सोमवार सुबह सड़क हादसे में 30वीं वाहिनी पीएसी गोंडा में तैनात कांस्टेबल अभिषेक दुबे (27) की मौत हो गई। वहीं बाइक पर पीछे बैठे पीआरडी जवान मारकंडेय गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही अभिषेक ने दम तोड़ दिया।
वह वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात थे। हादसे में जान गंवाने वाले अभिषेक दुबे गोला थाना इलाके के खिरकिटा दुबे के रहने वाले थे। उनके पिता अश्वनी दुबे यूपी पुलिस में श्रीवास्ती जिले में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। जबकि बड़ा भाई सोनू घर पर रहकर कारोबार देखते हैं।
भाई सोनू ने बताया कि अभिषेक 30वीं वाहिनी पीएसी गोंडा में आरक्षी के पद पर तैनात थे। जहां से उन्हें गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में भेजा गया था। सोमवार को वह घर से गोरखनाथ मंदिर जाने के लिए बुलेट से निकले थे। रास्ते में उन्हें बेलीपार थाने का पीआरडी जवान मार्कंडेय मिल गए। लिफ्ट मांगने पर अभिषेक ने बुलेट पर पीछे बैठा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अभिषेक बेलीपार थाना इलाके में महावीर छपरा के पास पहुंचे ही थे कि उनकी बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइड पर चढ़ गई। स्लेटर फंसे होने के चलते स्पीड और तेज हो गई। जिससे दोनों हाइवे पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
राहगीरों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें तत्काल एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया, जहां गंभीर स्थिति देख डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। एंबुलेंस अभी मेडिकल कालेज पहुंच भी नहीं पाई थी कि रास्ते में ही अभिषेक ने दम तोड़ दिया। वहीं पीआरडी जवान की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद अभिषेक काफी देर तक सड़क पर तड़पते रहे। राहगीरों ने अभिषेक को घायल अवस्था में डिवाइडर पर ही लेटा दिया था। थानाप्रभारी जब मौके पर पहुंचे तो वह बार-बार पानी मांग रहे थे। यहीं नहीं हादसे की जानकारी देने के लिए उन्होंने अपने घर का नंबर दिया।
कॉल रिसीव न होने पर गांव के दूसरे शख्स का नंबर दिया। इसके बाद थाना प्रभारी ने घटना की जानकारी परिजनों को दी। परिजन आनन-फानन मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन तब तक अभिषेक की सांसें थम चुकी थीं। इसके बाद वहां चीख पुकार मच गई।
परिजनों ने बताया कि बीते एक मई को अभिषेक का तिलक और 8 मई को गोला क्षेत्र की रहने वाली युवती से शादी हुई थी। हादसे में पति के घायल होने की सूचना पर वह परिजनों को बार-बार कॉल करके पति की हालत जानने का प्रयास करती रहीं, लेकिन परिजन कुछ बता नहीं रहे थे। दोपहर बाद अभिषेक के भाई ने जब सारी बात बताई तो वह मोबाइल पर फफक कर रो पड़ीं। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि अभिषेक की पत्नी के हाथों की मेहंदी अभी नहीं छूटी थी कि उसका सुहाग उजड़ गया।
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