महिला संग दरिंदगी: 6 लोगों ने मिलकर किया आग के हवाले...इलाज के दौरान अस्पताल में मौत!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे के अनुसार यदि किसी महिला को कोई मनचला छेड़छाड़ किया तो अगले चौराहे पर पुलिस उसको सबक सिखा देंगी। रात में 12 बजे कोई महिला सोने-चांदी के आभूषण पहन कर घूमे तो भी वह अपने घर सुरक्षित पहुंचेगी। किसी की हिम्मत नहीं है जो उस पर बुरी निगाह डाले। योगी के दावे को तार-तार करते हुये फर्रुखाबाद में दवा लेने के लिए घर से निकली 33 वर्षीय महिला को छह लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर आग लगा दी। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतका की पहचान निशा सिंह के तौर पर हुई है और वह छह सितंबर को चौरई गांव स्थित अपने घर से स्कूटर पर निकली थी। इसके कुछ घंटों बाद वह गंभीर रूप से जलने के कारण एक निजी अस्पताल में भर्ती मिली। डॉक्टरों ने उसके पिता बलराम सिंह को फोन पर सूचित किया, जिसके बाद उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से लगभग 100 किलोमीटर दूर सैफई के एक और अस्पताल में ले जाया गया और वहीं उसने आखिरी सांस ली। मरने से पहले महिला ने अपने पिता को बताया कि दीपक सिंह नाम का एक व्यक्ति उस पर फोन पर बात करने का दबाव बना रहा था। उसने यह भी बताया कि दीपक ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर उसे एक स्कूल के पीछे बाग के पास आग लगा दी। निशा दो बच्चों की मां थी और उसका पति दिल्ली में काम करता है। पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, निशा खुद ही गाड़ी चलाकर पास के दरियापुर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंची। जहां से उसे करीब 15 किलोमीटर दूर राम मनोहर लोहिया जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बलराम सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी की शादी जुलाई 2013 में अमित चौहान से हुई थी। उसके दो बेटे रुद्र (11) और शौर्य (8) हैं। निशा के परिवार का आरोप है कि उसके कपड़े बदले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह घर से सलवार सूट पहनकर निकली थी, लेकिन अस्पताल में वह हाफ ट्राउजर और गोल गले वाली बनियान पहने मिली, जो आमतौर पर पुरुष पहनते हैं।

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