लखनऊ। उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब इसकी चपेट में राजनीतिक दलों के नाम पर चल रही फर्जीवाड़ा कोशिशें भी आ गई हैं। समाजवादी पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को फर्जी चंदा मांगने वाले ऑनलाइन प्रयासों से सतर्क रहने को कहा है। इस संबंध में समाजवादी पार्टी की ओर से कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा गया कि कोई भी नेता और कार्यकर्ता या समर्थक किसी भी अकाउंट में किसी भी तरह का कोई पैसा ना डालें।
दरअसल यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से स्व. मुलायम सिंह यादव की स्मृति में बन रहे समाजवादी स्मारक के लिए आस्था अंशदान की भावुक अपील की है। अखिलेश यादव की अपील के बाद बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले पैसे भेजने के इच्छुक है। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री की इस अपील पर बड़ी धनराशि में चंदा के रूप में पैसा आ सकता है। इसको देखते हुए साइबर फ्रॉड के अपराधी इसका लाभ उठा सकते हैं। साइबर अपराधी भोलेभाले लोगों को अपने जाल में फंसा सकते हैं।
इसी फ्रॉड से सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से इस संबंध में आधिकारिक बयान अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल के जरिये पोस्ट करना पड़ा है। सपा की ओर से बताया गया कि सोशल मीडिया पर श्रद्धेय नेताजी के स्मारक के नाम पर चंदा इकट्ठा करने के लिए कोई भी अकाउंट नंबर अभी जारी नहीं किया गया है। ऐसी कोई भी आधिकारिक सूचना या निर्देश समाजवादी पार्टी की तरफ से नहीं दिए गए हैं। इसलिए कोई भी नेता, कार्यकर्ता या समर्थक किसी भी अकाउंट में किसी भी तरह की कोई धनराशि ना डालें।
सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए अपील की थी कि इस साल अपने सभी शुभचिंतकों से मेरी विनम्र अपील है कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर किसी भी प्रकार की पुष्प गुच्छ भेंट, प्रतिमा, तस्वीर, पार्टी के चिह्न साइकिल की प्रतिकृतियों या किसी भी अन्य प्रकार की भेंट ना दें। बल्कि उसकी जगह अपना-अपना योगदान माननीय नेता जी के निर्माणाधीन समाजवादी स्मारक में अपने आस्था अंशदान के रूप में पार्टी कार्यालय में आधिकारिक रूप से जमा कराएं। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी मूल्यों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और आपके इस सहयोग के धन्यवाद स्वरूप हर अंशदाता का नाम समाजवादी स्मारक सहयोग पुस्तिका में प्रकाशित किया जाएगा। सभी को मेरा अग्रिम धन्यवाद।
बता दें, सूबे में बीते कुछ महीनों में ऑनलाइन ठगी के मामलों में तेज इज़ाफा हुआ है। कभी बिजली बिल के नाम पर तो कभी नौकरी, सैलरी या स्कीम से जुड़े लिंक भेजकर लोगों को ठगा जा रहा है। अब राजनीतिक अपीलों का भी दुरुपयोग होने लगा है, जिससे पार्टी और आमजन दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी की इस त्वरित प्रतिक्रिया को राज्य में साइबर सुरक्षा के प्रति राजनीतिक जागरूकता के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति या अकाउंट में पैसे ट्रांसफर न करें और किसी भी प्रकार की आर्थिक सहयोग की जानकारी के लिए केवल पार्टी मुख्यालय या अधिकृत संपर्क सूत्रों से ही संवाद करें।
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