मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। "चार चोर चौदह हमनी के, खेदलैं चोर भगनी हमनी के, वाह रे हमनी के, वाह रे हमनी के" भोजपुरी की प्रसिद्ध कहावत को हम भले पाकिस्तान से बिना पूर्ण युद्ध छिड़े अमेरिका की चौधराहट स्वीकार करते हुए युद्ध विराम मान लिये यह देश की जनता के गले नहीं उतर रहा है। यूपी में आज ही यह चर्चा बढ़ गयी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रधानमंत्री रहते तो देश अमेरिका के निर्देश मानने को मजबूर नहीं होता।पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकाने के बाद ही राहत मिलती। सरकार के लोग कुछ भी कहें लेकिन जनता इस कांड से ठगा महसूस कर रही है। देश की जनता को भरोसा हो चला था कि अब पाकिस्तान के कम से कम फिर बार बार बंटेगा। पाकिस्तान के सैकड़ों स्थान तहस-नहस देखने को मिलेंगे।दूर-दूर तक ऐसा कुछ नहीं दिखा।
उत्तर प्रदेश के एक बुद्धिजीवी के दावों को मानें तो जैसे ही गुजरात पर हमला हुआ वैसे ही मोदी सरकार युद्ध विराम का रुख कर ली।हर पल अर्थव्यवस्था और व्यापार बढ़ाने की सोच के चलते मोदी को लगा होगा कि दुनिया में युद्ध से किसी को कुछ नहीं मिला है। मात्र जन और धन की हानि ही उसकी परिणित है।नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा भ्रमण करके सबसे ज्यादा दुनिया घूमने वाले प्रधानमंत्री बन गये। लेकिन दुनिया के कितने देश भारत के साथ खुल कर खड़े हुए यह खोजना पड़ेगा। रही सही इज्जत तब कबाड़ हो गयी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम होने की घोषणा कर दी।हो सकता है भविष्य में पाकिस्तान पर भारत का दबदबा हो जाये लेकिन आज की जितने सम्मानजनक होने की अपेक्षा जगी थी उतनी नहीं रही। उत्तर प्रदेश में रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में हर वर्ष 80 से 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की प्रोडक्शन करने वाले यूनिट का वर्चुअल उद्घाटन किया। उद्घाटन स्थल पर अपनी सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ उपस्थित थे।योगी ने कहा कि आतंकवाद कुत्ते की पूंछ है जो कभी सीधी नहीं होगी। उसको उसी भाषा मे जवाब देना होगा। अब भी देश की जनता को अपेक्षा है कि भारत उन आतंकवादियों को मौत के घाट उतरेगा जिन्होंने पहलगाम की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दिया था।भारत अपने सैन्य शक्ति से पाकिस्तान का इतना तहस-नहस करेगा कि वह सदा के लिये आतंकवाद भूल जाये।
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