लखनऊ। राजधानी में बैंक में लॉकर काटने वाले बदमाशों ने गोल्ड लोन वाले ग्राहकों के लाकरों को हाथ तक नहीं लगाया। बदमाशों ने सिर्फ 42 सामान्य लाकर काटे उसमें रखे करोड़ों के जेवर और लाखों की नकदी पार कर ले गए। बदमाश इंडियन ओवरसीज बैंक के अंदर के नक्शे से लेकर लाकर रूम तक के ब्योरे से वाकिफ थे। इससे पुलिस अधिकारियों को किसी वारदात में किसी बैंक कर्मी के शामिल होने की भी आशंका बढ़ गई है।अधिकारियों के मुताबिक बदमाशों को यह पता था कि अगर वह गोल्ड लोन वाले लाकर काटकर उससे माल निकालेंगे तो भरपाई बैंक को करनी पड़ेगी। गोल्ड लोन वाले लाकर में कितना माल है? किस तरह के जेवर रखे हैं? इसका रिकार्ड के के साथ ही ग्राहकों के पास भी होता है। सामान्य लाकरों में कितना माल किसका है? इसका ब्योरा बैंक के पास नहीं होता है। इस लिए बदमाशों ने सामान्य लाकर काटकर वारदात को अंजाम देना बेहतर समझा। इस बात को संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था अमित कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी पंकज कुमार सिंह को जांच के आदेश दिए हैं। अब पुलिस की जांच के दायरे में बैंक कर्मी भी होंगे। पुलिस टीम उनसे भी पूछताछ करेगी। लखनऊ में बैंक में लॉकर काटने वाले बदमाशों ने गोल्ड लोन वाले ग्राहकों के लाकरों को हाथ तक नहीं लगाया।
एसीपी विभूतिखंड राधा रमण के मुताबिक बैंक में कुल 90 लॉकर थे। उसमें से 70 संचालित हैं। बदमाशों ने लाकर संख्या 32 से लेकर 79 तक कुल 42 काटे थे। काटे गए 42 लॉकरों में से 40 संचालित थे। 40 में ग्राहकों के जेवर और रुपये आदि रखे थे। लॉकर संख्या 42 के ऊपर की लाइन में जो लाकर थे वह गोल्ड लोन वाले थे। केनरा बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रबंधक सर्व मित्र भट्ट के मुताबिक गोल्ड लोन वाले लाकरों का ब्योरा बैंक और ग्राहक दोनों के पास होता है। इन लाकरों में कितना माल रखा है? कितने वजन का है? क्या है? इसका ब्योरा रखती है। उसकी वीडियोग्राफी भी कराती है। समय समय पर वैलुअर भी इनकी वैल्यू निकालने के लिए आते हैं। अगर गोल्ड लोन वाले लाकर में रखे माल की क्षति होती है तो आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार उतने माल की रकम की भरपाई बैंक ग्राहक को करेगा। पूर्व में कई बैंकों में क्षतिग्रस्त हुए गोल्ड लोन लाकर में रखे माल के राशि की भरपाई बैंक मैनेजर तक से कराई गई है।
0 Comments