पुलिस बनी किडनैपर, नाबालिग का अपहरण कर मांगी 50 हजार की फिरौती… दारोगा सहित 4 पर FIR!


कानपुर। जिले में पुलिस की रंगदारी का एक नया मामला सामने आया है। यहां चकेरी थाने के चार पुलिसकर्मियों पर अपहरण कर धमकी और रंगदारी मांगने का आरोप है। पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज करते हुए एक दारोगा सहित तीन सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित की मां का कहना है कि उसके बेटे को जबरन पुलिस ने फंसाया है। जब उसने बेटे को छुड़ाने की कोशिश की तो पुलिस ने उससे 50 हजार रुपए की मांग की।
चकेरी थाना क्षेत्र के काजी खेड़ा की रहने वाली सोनी ने बताया कि आठ साल पहले उसके पति की मौत हो चुकी है। इसके बाद वह अपने नाबालिग बेटे के साथ घर पर रहती है। सोनी ने बताया कि 14 मई को थाना चकेरी के चार पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में उसके घर पहुंचे और नाबालिग बेटे को जबरदस्ती करके बाहर से ले गए। इसके बाद उसको झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया।
सोनी ने कोर्ट की शरण लेते हुए लेते हुए नाबालिग बेटे को अपहरण कर झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप पुलिस पर लगाया। इसी के साथ उसने पुलिस पर बेटे को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया। मामले में कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
महिला ने न्याय की गुहार के लिए पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भी शिकायत पत्र दिया, लेकिन पुलिस कमिश्नर ने केवल जांच का आश्वासन दिया। अपने खिलाफ शिकायत से नाराज पुलिसकर्मियों ने महिला के बेटे के पास से तमंचे की बरामदगी दिखा दी। इसके बाद महिला ने कानपुर की CJM सूरज मिश्रा की कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
पूरे मामले पर जानकारी देते हुए चकेरी थाने के प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दरोगा पंकज कुमार मिश्रा, सिपाही गौरव यादव और दो अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ अपहरण, रंगदारी, गाली-गलौज, मारपीट और धमकाने की धाराओं में मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है। मामले की जांच के बाद आरोपियों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, नाबालिग बेटे के साथ हुए पुलिस के अत्याचार की कहानी बताते हुए पीड़ित मां सोनी ने बताया कि पुलिस ने उसके नाबालिग बेटे को झूठे मामले में जबरन फंसाया और जब वह उसे छुड़ाने के लिए थाने गई तो पुलिसकर्मियों ने उससे 50 हजार रुपए की मांग की। महिला के पास इतने सारे पैसे नहीं थे। इसके बाद वह बेटे को बचाने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के दरवाजे पर गई, लेकिन किसी ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की।

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