पौधा बताएगा मैं प्यासा हूं...मीलों दूर रहकर भी दे सकेंगे पानी, फोन पर मिल जाएगी सूचना!


लखनऊ। घर के गमलों या बागवानी में लगे पौधों, सब्जियों और फूलों को सिंचाई की जरूरत महसूस होने पर अब उनकी तरफ से आपके फोन पर मैसेज आ जाएगा। जवाब में आपकी तरफ से भेजे गए मैसेज से सक्रिय डिवाइस पौधों की सिंचाई कर देगी। पौधों को पर्याप्त पानी मिलने पर फिर आपके मोबाइल पर सूचना मिल जाएगी और आप सिस्टम को बंद कर सकेंगे। इसकी खासियत यह है कि आप मीलों दूर रहकर भी अपनी बागवानी की देखभाल कर पाएंगे। एकेटीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) कॉलेज के कंप्यूटर साइंस प्रथम वर्ष के छात्र अंशित श्रीवास्तव ने यह तकनीक ईजाद की है। उन्होंने ऐसी प्रोग्रामिंग तैयार की है, जिससे मल्टिपल सेंसर युक्त डिवाइस और मोबाइल का उपयोग कर मैसेज के माध्यम से पूरा नेटवर्क काम करेगा। इस सिस्टम की मदद से समय पर पौधों को पानी दे कर हम उन्हें हरा-भरा रख सकेंगे। आज जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और पर्यावरण की उपेक्षा से बढ़ते तापमान के कारण दुनिया गर्म भट्ठी में तब्दील हो रही है, ऐसे में वातावरण को हरा-भरा रखने में यह तकनीक बेहद मददगार साबित होगी। अंशित ने बताया कि गमलों और पौधों के पास एक रिसीवर, सेंसर व एंड्रायड सिस्टम लगा रहेगा। पानी की आवश्यकता होने पर इससे हमारे मोबाइल पर संदेश मिल जाएगा। सिंचाई के लिए जैसे ही हम टेक्स्ट मैसेज या व्हाटसएप संदेश रिमोट वाटरिंग सिस्टम को भेजेंगे, वाइब्रेशन के साथ ट्रिगर सेंसर एक्टिव हो जाएगा और पानी का पंप चालू हो जाएगा। डिवाइस में टाइमर लगा होगा, जिससे आवश्यकतानुसार सिंचाई पूरी हो जाने के बाद मैसेज से तत्काल सूचना मिल जाएगी और फोन से ही पंप को बंद किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि डिवाइस को बनाने में गियर मेकेनिकल स्विच, 12 वोल्ट पंप, 220 वोल्ट पंप-मैसेज ट्रिगर सेंसर और एक एंड्रॉयड मोबाइल का इस्तेमाल किया गया है। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव का कहना है कि पर्यावरण दिवस या अन्य मौकों पर पौधरोपण तो किया जाता है, लेकिन पानी और देखभाल के अभाव में पौधे सूख जाते हैं। इस डिवाइस के विकसित हो जाने से घर या शहर से बाहर होने पर भी हम अपनी बागवानी, पौधों व सब्जियों की मोबाइल के जरिए सिंचाई कर सकेंगे। पर्यावरण के लिए यह तकनीक बेहद मददगार साबित होगी।

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