मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से दस मंत्री...योगी के विरोधियों को तरजीह!



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी में भाजपा की बड़ी पराजय के बाद भी मोदी पार्ट-3 में यूपी को दस मंत्री मिले हैं। राजनाथ सिंह (सदस्य लोकसभा लखनऊ), हरदीप सिंह पुरी(उत्तर प्रदेश से राज्यसभा), जयंत चौधरी (अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल व सदस्य राज्यसभा), अनुप्रिया पटेल (अध्यक्ष अपना दल-एस व सदस्य लोकसभा मिर्जापुर), जतिन प्रसाद(सदस्य लोकसभा-पीलीभीत), एसपी सिंह बघेल (सदस्य लोकसभा आगरा), पंकज चौधरी (सदस्य लोकसभा-महराजगंज), बीएल वर्मा (सदस्य राज्यसभा), कमलेश पासवान (सदस्य लोकसभा बांसगांव-गोरखपुर), कीर्तिवर्धन सिंह (सदस्य लोकसभा गोंडा)

बता दें कि दो लोकसभा सीट जीतने के बाद सहयोगी दल से रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और एक मात्र सीट जीतने वाली अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। भारत-नेपाल सीमावर्ती जिलों और मंडलों को विशेष तवज्जों दिया गया है। बरेली मंडल की पीलीभीत सीट भारत-नेपाल सीमा से सटी है। वहां से निर्वाचित सांसद जतिन प्रसाद, भारत -नेपाल सीमा से सटे देवीप्रसाद मंडल की गोंडा सीट से जीते कीर्तिवर्धन सिंह, गोरखपुर मंडल भी भारत-नेपाल सीमा से सटा है। गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं आते हैं। अब गोरखपुर मंडल की नेपाल सीमा से सटे अति संवेदनशील जनपद महराजगंज से पंकज चौधरी व गोरखपुर जिले की बांसगांव सुरक्षित सीट से जीते कमलेश पासवान को राज्यमंत्री बनाया गया है।

बता दें कि प्रचलित कहावत "रस्सी जल गयी लेकिन ऐंठन नहीं गयी यहां लागू होता दिख रहा है"। गृहमंत्री अमितशाह मोदी पार्ट-2 के कार्यकाल में गोरखपुर गये वह गोरखनाथ मंदिर न जाकर पंकज चौधरी के घर गये थे। जबकि कमलेश पासवान के पिता ओम प्रकाश पासवान की हत्या के बाद पासवान परिवार की तल्खी गोरखनाथ मंदिर से बढ़ी थी। पासवान और चौधरी को मोदी मंत्रिमंडल में लेकर केंद्र ने योगी आदित्यनाथ को उनके गृह नगर गोरखपुर मंडल में घेरने की कोशिश किया है। शपथ ग्रहण देखने के बाद यह आम चर्चा बनी हुई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिढ़ाने के लिये अकेले गोरखपुर मंडल से दो राज्यमंत्री बने हैं। पंकज चौधरी और कमलेश पासवान दोनों गोरखपुर मंडल से हैं। दोनों के रिश्ते योगी आदित्यनाथ से बहुत अच्छे नहीं बताये जाते हैं।

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