लखनऊ। प्रदेश के कौशांबी के वायरल हीरो निर्दलीय प्रत्याशी छेद्दू का पर्चा निरस्त हो गया है। उसने अब तक 11 चुनाव लड़े हैं और सिर्फ 2014 के उपचुनाव में उसका पर्चा निरस्त हुआ था। इसके अलावा एक भी पर्चा निरस्त नहीं हुआ था। छेद्दू ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर सत्ता के दबाव में आकर पर्चा निरस्त करने का आरोप लगाया है।
2 मई को नामांकन कर वापस आते समय मंझनपुर सीओ सत्येंद्र तिवारी ने अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार वर्मा की मौजूदगी में उसको धक्का देकर भगाया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर खूब वायरल हुआ था। ऐसा माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने की वजह से उसके तमाम समर्थक हो गए थे। कुछ लोगों ने छेद्दू का साथ देने के लिए मन बना लिया था, लेकिन अब छेद्दू का लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना अधूरा ही रह गया। फिलहाल मीडिया से बात करते हुए छेद्दू ने कहा कि अब वह किसी से कोई शिकायत नहीं करेगा. वह न्याय के लिए सिर्फ भगवान के भरोसे है।
छेद्दू ने बताया कि वह 12वां चुनाव लड़ने जा रहा था। इससे पहले मेरा सिर्फ एक पर्चा 2014 के विधानसभा उपचुनाव में खारिज हुआ था। छेद्दु के अनुसार अफसर ने बताया कि उसके पर्चे में कुछ कमी है। इसकी वजह से खारिज किया जा रहा है। छेद्दु ने कहा कि मैं तीसरा लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं। मुझे सारे कागजातों की जानकारी है। छेद्दु ने बताया कि इसमें जाति, निवास, आय सहित तमाम प्रमाण पत्र लगते हैं। आधार कार्ड भी लगता है। इसके अलावा सरकारी वकील से जांच भी कराई जाती है। छेद्दू का कहना है कि मैं कितना भी कहूं लेकिन कौशांबी के डीएम ने मुझे लूट लिया है। मेरा पर्चा खारिज कर दिया है। अन्यथा मैं सांसद बन जाता।
कौशांबी में नामांकन के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी छेद्दू के साथ बदसलूकी की गई थी। नामांकन पत्र भरने के बाद जब वह कलेक्ट्रेट से बाहर आ रहा था तो लौटते समय छेद्द ने नगाड़िया बजाना शुरू कर दिया। जिससे वहाँ मौजूद सीओ सिटी भड़क गए और उन्होंने उसे धक्के देकर परिसर स बाहर निकाल दिया था। अब छेद्दू का पर्चा निरस्त कर दिया गया है।
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