लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी 40 फीसदी से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य बना कर चल रही है। सपा का लक्ष्य बिल्कुल उसी रास्ते पर जिस तरह भारतीय जनता पार्टी राज्य की 40 फीसदी से ज्यादा मतों पर अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में है। इस लक्ष्य की खातिर समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दो माह में दो करोड़ पीडीए परिवारों से सम्पर्क करने के महाअभियान में जुटे हुए हैं। मार्च से शुरू हुआ ये अभियान जोरशोर से जारी है और फेजवार इसमें तेज़ी लाई जा रही है।
पीडीए से जुड़े वोटर इस अभियान के सबसे अधिक टारगेट पर हैं। उनसे विशेष तौर पर संपर्क साधा जा रहा है और उन्हें जातीय जनगणना, सामाजिक न्याय तथा आरक्षण के बारे में पार्टी की नीतियों की जानकारी दी जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को करीब 32 फीसदी वोट मिले थे। उसे 2017 के मुकाबले करीब 10 फीसदी वोटों की उछाल मिली थी। साल 2017 में सपा का वोट शेयर महज 21.8 प्रतिशत था। अब इसमें करीब दस फीसदी की बढ़ोत्तरी के मकसद से समाजवादी पार्टी माइक्रो लेवल पर मतदाताओं को साथ जोड़ने के अभियान में जुटी हुई है और इसीलिए उसका बूथ मैनेजमेंट पर सबसे अधिक जोर है। इसी मकसद से पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के 8-10 लोगों की एक टीम बनाकर बूथ स्तर पर काम करना शुरू किया है। हर बूथ पर पीडीए काडर से जुड़े दस लोगों की टीम मतदाताओं को जोड़ने के अभियान में जुटी हुई है।
पार्टी ने बाकायदा ब्लॉक लेवल पर भी तैयारियां शुरू की हैं। पार्टी में हाल ही में ब्लाक इकाई की व्यवस्था बहाल की गई है। अभी तक पार्टी में केवल बूथ व सेक्टर प्रभारी ही विशिष्ट भूमिका में होते थे। पार्टी में 10-12 बूथ पर एक सेक्टर व सात-आठ सेक्टरों पर एक जोन बनाया गया है। समाजवादी पार्टी इससे पहले एक बूथ सत्यापन अभियान भी चला चुकी है जिसके तहत वोटर लिस्ट, बूथ, पोलिंग स्टेशन आदि का सत्यापन और गड़बड़ियों की छानबीन का अभियान चलाया गया था।

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