लखनऊ। यूपी के कानपुर में अपनी बेटी को तलाक दिलाने के बाद उसके घरवाले ने उसकी ससुराल जाकर वहां न सिर्फ ढोल बजाकर उसकी मायके के लिए विदाई की, बल्कि शादी के समय लड़की जो चुनरी ओढ़ कर ससुराल गई थी वो चुनरी ससुराल के गेट पर बांध दी. कानपुर का ये मामला अब हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है।
शहर के निराला नगर में रहने वाले अनिल सविता बीएसएनएल में काम करते थे पर अब रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने अपनी इकलौती बेटी उर्वी का विवाह शहर के चकेरी विमान नगर में 31 जनवरी 2016 को आशीष रंजन से बड़ी धूमधाम के साथ किया था। बेटी उर्वी दिल्ली के पालम एयरपोर्ट में काम करती है। उर्वी इंजीनियर है और उसका पति आशीष भी इंजीनियर है, और वो भी दिल्ली में ही जॉब करता है। उर्वी के परिजनों के अनुसार शादी के बाद से ही दोनों दिल्ली में रहने लगे थे। आरोप है कि शादी के बाद से ससुराल वाले लगातार अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे और बेटी को रंगरूप को लेकर भी ताने मारने शुरू कर दिए।
अनिल कुमार के मुताबिक उन्होंने बेटी के भविष्य को देखते हुए दिल्ली में एक फ्लैट खरीद कर दे दिया जिसे भी दामाद अपने नाम कराना चाहता था। साल 2019 में उर्वी ने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी का जन्म होने के बाद से उसको और ताने मिलने लगे की बेटी को जन्म क्यों दिया बेटा चाहिए था। धीरे धीरे सुसराल वालो और आशीष ने बच्ची और उर्वी से दूरी बना ली और दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे और दूरियां बढ़ने पर कोर्ट में तलाक के लिए केस फाइल कर दिया।
बीती 28 फरवरी को दोनों का तलाक हो गया, जिसके बाद रविवार को उर्वी के परिवार के सभी लोग जमा होकर उसकी ससुराल पहुंचे. परिवार के लोग ढोल नगाड़े के साथ उर्वी की ससुराल पहुंचे। जहां ढ़ोल नगाड़ों के साथ उर्वी को विदा कराकर घर वापस मायके ले गए। आंखों में आशू लेकर उर्वी ने अपनी शादी के समय की चुनरी को सुसराल के गेट पर बांध दिया। उर्वी के घर वालों ने ससुराल की दीवार पर एक संदेश भी लिखा कि आशीष तुम्हारे घर पर कभी खुशियां ना लौटें।
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