प्रयागराज। रात में आकाश में ग्रहों और तारों को देखना एक शानदार अनुभव होता है। साल के अलग-अलग महीनों में हम विभिन्न ग्रहों को बिना दूरबीन के देख पाते हैं। आज यानी तीन नवंबर को पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा 600 मिलियन किमी बृहस्पति गृह (जूपीटर)। जो कि सूर्यास्त के बाद सबसे चमकीला नजर आएगा। बृहस्पति ग्रह आकाश में सूर्य के ठीक विपरीत रहेगा।
खास बात यह है कि सूर्य के ढलते ही बृहस्पति ग्रह नजर आने लगेगा और चंद्रमा के बाद यह चमकीला होगा, जो कि पूरी रात देखा जा सकेगा। इसे दूरबीन से देखेंगे, तो अनुभव और भी बेहतरीन होगा। बृहस्पति ग्रह लगभग हर 399 दिनों या 13 महीनों में सूर्य के विपरीत पहुंच जाता है। इस साल यह स्थिति तीन नवंबर को बनी है। इस दौरान यह गैसीय ग्रह पृथ्वी के सबसे निकटतम पॉइंट पर होगा। इस वजह से इसकी चमक और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी के मुकाबले बृहस्पति का द्रव्यमान 318 गुना है। इसी वजह से यह रातभर देखा जा सकेगा। खास बात यह भी है कि बृहस्पति हमारे सौरमंडल के ग्रहों में सबसे तेज घूमता है। यह अपनी धुरी पर एक चक्कर 10 घंटे में पूरा कर लेता है। आज शाम 5.32 बजे से दिखाई देने लगेगा और अगली सुबह 6.11 बजे तक दिखेगा।
तारामंडल के निदेशक ने बताया कि बृहस्पति ग्रह को देखने का अच्छा मौका है, क्योंकि पास रहने से यह अपेक्षाकृत बड़ा और माइनस 2.9 मैग्नीट्यूड से चमकदार दिखेगा। बृहस्पति ग्रह सूरज के चारों ओर 12 वर्ष में एक चक्कर लगाता है। हर 13 महीने बाद पृथ्वी और बृहस्पति ग्रह एक रेखा में होते है। बृहस्पति की दूरी सूरज से पांच एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (एयू) की दूरी पर है। जब बृहस्पति पृथ्वी से काफी दूर रहता है, तो दोनों के बीच छह एयू की दूरी पर होता है। जब पृथ्वी के पास होता है तो चार एयू की दूरी पर होता है। शाम के समय यह खाली आंखों से ही देखा जा सकता है। साथ ही यह सुबह 10.25 बजे पृथ्वी से एक ओर सूर्य और दूसरी तरफ बृहस्पति ग्रह विपरीत होगा। यह ग्रह मेष राशि में सूर्यास्त के बाद दिखाई देगा।
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