पूर्वांचल में 100 करोड़ का है हलाल प्रमाणित उत्पादों का कारोबार, जानें क्या है प्रोडक्ट!



वाराणसी। हलाल प्रमाणित उत्पादों पर कार्रवाई से कारोबारी सकते में हैं। वाराणसी समेत पूर्वांचल में सालाना सौ करोड़ से अधिक हलाल प्रमाणित उत्पादों का कारोबार है। यहां 1400 हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री होती है। हलाल प्रमाणित उत्पादों में कास्टमेटिक, खाद्य उत्पाद, पेय उत्पाद, आइसक्रीम आदि शामिल हैं। इसकी बिक्री, उत्पादन और भंडारण को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की पांच टीमें जांच कर रही हैं। अधिकारियों के अनुसार इसकी बिक्री या उत्पादन, भंडारण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। शहर के दालमंडी, हड़हासराय, नई सड़क, औरंगाबाद, चौक, सिगरा में इसका बड़ा कारोबार होता है। पूर्वांचल के जिलों के अलावा बिहार के दुकानदार खरीदारी के लिए यहां आते हैं।

कारोबारियों के अनुसार हलाल प्रमाणित उत्पादों में कास्टमेटिक का भंडारण और बिक्री सबसे अधिक हड़हा सराय, दालमंडी, नई सड़क क्षेत्रों में होती है। यहां 20 करोड़ से ज्यादा का कास्मेटिक कारोबार है। इन उत्पादों की बिक्री बाबतपुर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और रोडवेज बस स्टेशन पर भी होती है। दरअसल, हलाल एक अरबी शब्द है। इसका अर्थ कानून सम्मत या जिसकी इजाजत इस्लामिक कानून (शरीयत) से है। इसलिए कुछ कंपनियां खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम में इसका प्राविधान न होने के बावजूद उत्पादों को प्रमाणित करने लगीं।

इस संबंध में वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा का कहना है कि वाराणसी समेत पूर्वांचल में 1400 हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री होती है। यहां सालाना सौ करोड़ से अधिक का कारोबार है। इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूर्व में अभियान चलाया गया था। हिंदू जनजागरण समिति के वरिष्ठ सदस्य राजन ने बताया कि विविध खाद्य पदार्थ, औषधियां, सौंदर्य प्रसाधनों से लेकर मॉल आदि हलाल प्रमाणीकरण शुरू हो गया है। इन उत्पादों को प्रतिबंधित करने का फैसला मुख्यमंत्री का सराहनीय और स्वागत योग्य है। वहीं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अभिहित अधिकारी ने बताया कि इन उत्पादों की बिक्री और भंडारण रोकने के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। बाजार में मॉल, काम्पलेक्स, पर्यटन स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है। दुकानदारों को हिदायत दी गई है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री न करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।

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