हलाल सर्टिफिकेशन के आतंकी संगठनों को टेरर फंडिंग की साजिश की एसटीएफ करेगी जांच!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। हलाल सर्टिफिकेशन के मुद्दे पर देवबंद स्थित जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद फारुकी, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान और समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के भड़कने के बाद खाद्य पदार्थों समेत तमाम वस्तुओं को हलाल सर्टिफिकेशन देने वाली कंपनियों के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों को टेरर फंडिंग करने की यूपी एसटीएफ ने जांच शुरू कर दिया। जैसे-जैसे विभिन्न मुस्लिम प्लेटफार्म से जुड़े लोग हलाल सर्टिफिकेशन पर यूपी सरकार के प्रतिवंध को लेकर हमला तेज कर रहे हैं वैसे-वैसे योगी सरकार शिकंजा कसना तेज कर दिया है।इस मुद्दे पर एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की आंतरिक वर्चस्व की लड़ाई में टीम गुजरात की आंख से सुरमा गायब कर लीड ले रहे तो दूसरी ओर जरा-जरा बात पर मुस्लिम परस्ती करने वाले सेक्युलर नेता अभी तक चुप्पी साधे हुये हैं। थक हार कर अलग-अलग मुस्लिम मंचों से जुड़े मुस्लिम नेता मुखर हो रहे हैं।ताजा जानकारी के अनुसार हलाल सर्टिफिकेशन मामले प्रतिवंध लगाने के बाद सोमवार को शासन ने बीते17 नवंबर को राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे की विवेचना एसटीएफ से कराने का निर्णय लिया है। इस मामले में तीन कंपनियों समेत देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और दंगे भड़काने की साजिश करने वाले अज्ञात लोगों को नामजद किया गया था। एसटीएफ की टीमें जल्द ही चेन्नई, दिल्ली और मुंबई स्थित हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों की जांच करने भेजी जाएंगी।
साथ ही कंपनी, उसके प्रबंध तंत्र और कर्मचारियों के बैंक खातों की भी गहनता से पड़ताल होगी। इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि देश में हजारों करोड़ रुपये के हलाल सर्टिफिकेशन के कारोबार के जरिए आतंकी संगठनों को देश विरोधी गतिविधियों के लिए खाद-पानी तो मुहैया नहीं कराया जा रहा है।हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराए गये मुकदमे में उल्लेख किया गया था कि चेन्नई स्थित हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की जमीयत उलेमा हिंद हलाल, मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र आदि द्वारा समुदाय विशेष के नाम पर कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। इस तरह के उत्पाद बाजार में बहुतायत में उपलब्ध हैं, जो कि जन आस्था के साथ खिलवाड़ है। इन कंपनियों द्वारा समुदाय विशेष को प्रभावित करने के लिए कूटरचित प्रपत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सरकार के नाम का इस्तेमाल भी हो रहा है। ये कंपनियां बिना मानक पूरा किए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं। जो कंपनियां उनसे प्रमाण पत्र नहीं लेती हैं, उनके उत्पाद की बिक्री को घटाने के लिए आपराधिक कृत्य कर रही हैं।
देश को कमजोर करने की साजिश
एफआईआर के मुताबिक आम नागरिकों के लिए प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल सर्टिफिकेट जारी कर कंपनियों द्वारा अनुचित आर्थिक लाभ लिया जा रहा है। कंपनियों द्वारा समाज में वर्ग विद्वेष फैलाने, जनमानस में विभेद कराकर देश को कमजोर करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है।इसमें कंपनियों के मालिक, प्रबंधक के अलावा अन्य लोगों की भी सहभागिता है। इसमें राष्ट्र विरोधी साजिश करने वाले लोग भी शामिल हैं।उनके द्वारा आपराधिक कृत्य के जरिए करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ कमाकर उससे अधिसूचित आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों को फंडिंग करने की भी आशंका है।
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