लखनऊ। प्रदेश भर में निजी स्कूलों ने मंगलवार को तालाबंदी की। आजमगढ़ में चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल की छात्रा श्रेया द्वारा छत से कूदकर जान देने के मामले में स्कूल के प्राचार्य व शिक्षक को गिरफ्तार करने के विरोध में यह बंदी की गई और इसका व्यापक असर रहा। सभी करीब 45 हजार निजी स्कूलों ने एकजुटता दिखाई और उनके यहां कक्षाएं सूनी रहीं। दिवंगत छात्रा की आत्मा की शांति के लिए स्कूलों में दो मिनट का मौन रखा। हालांकि अभिभावक संघ ने बुधवार को बच्चों को स्कूल ना भेजने की अपील किया है।
उधर, स्कूल में विद्यार्थियों के उत्पीड़न व आत्महत्या जैसे मामलों की रोकथाम के लिए निदेशक बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा डा. महेन्द्र देव की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि इस सात सदस्यीय कमेटी को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें शिक्षा विभाग के तीन अधिकारी और निजी स्कूलों की ओर से भी चार प्रतिनिधि होंगे। ऐसे मामलों पर गाइडलाइन तैयार होने के बाद ऐसे मामलों पर रोकथाम लगेगी और अगर कोई घटना हुई तो उसका निस्तारण भी आसानी से होगा। शिक्षा विभाग, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी तय होगी।
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने एसओपी के लिए कमेटी गठित करने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी संवेदना आत्महत्या करने वाली छात्रा के परिवार के साथ है। सिर्फ इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। अगर प्राचार्य व शिक्षक पर आरोप जांच में सही मिलते हैं तो वह उनके साथ बिल्कुल भी नहीं खड़े होंगे। मगर इस तरह सीधे कार्रवाई होने से स्कूल संचालक व वहां पढ़ाने वाले शिक्षक भयभीत हैं। उधर, एसोसिएशन आफ प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष अतुल कुमार ने स्कूल सुरक्षा बिल लाने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा है।
एसओपी के माध्यम से यह तय किया जाएगा कि स्कूलों में कौन सी वस्तु विद्यार्थी ला सकते हैं और कौन सी नहीं। तलाशी लेने की क्या प्रक्रिया होगी। अगर वर्जित सामग्री पाई गई और शिकायत करने पर भी अभिभावक नहीं आते हैं तो स्कूल क्या कर सकता है। वहीं अगर स्कूल में किसी विद्यार्थी का उत्पीड़न हो रहा है और स्कूल प्रबंधन नहीं सुन रहा तो अभिभावक क्या करें। अभिभावकों की आवाज न दब सके इसके लिए फूलप्रूफ इंतजाम इसके माध्यम से किए जाएंगे।
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