लखनऊ। उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश जारी किए थे, उन्होंने कहा था कि एक अप्रैल से सड़क या खेत में आवारा पशु दिखाई नहीं दें। उन्हें सुरक्षित गौशालाओं में रखवाया जा। इस आदेश को एक महीना भी नहीं बीता कि आवारा पशु के हमले से आगरा में एक किसान की पैर की हड्डी टूट गई। ऑपरेशन और इलाज में उसका एक लाख रुपया खर्च हो गया। इस पर किसान ने आक्रोशित होकर एक अधिवक्ता के माध्यम से डीएम समेत कई अधिकारियों को नोटिस जारी करवाते हुए 05 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।
आगरा के किरावली तहसील के लोहकरेरा गांव निवासी किसान राजकुमार विगत 15 अप्रैल की शाम को घर से खेत जा रहे थे। रास्ते में एक ढाबे के पास बेसहारा सांड ने हमला बोलकर गंभीर घायल कर दिया। उनके पैर की हड्डी टूट गई। अस्पताल में लगभग 10 से 12 दिन तक उनका उपचार चला और पैर का ऑपरेशन हुआ। इस इलाज में उनका एक लाख रुपये खर्चा हो गया. किसान परिवार पैसे से कमजोर था, लिहाजा उसने प्रशासन को लापरवाह बताते हुए इस पूरे मामले में जिलाधिकारी आगरा, जिला पंचायत अध्यक्ष, एसडीएम किरावली, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान लोहकरेरा को नोटिस भेजा। यही नहीं बेसहारा पशुओं को पकड़कर गौशाला नहीं भिजवाने का जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे पांच लाख रुपये मुआवजा भी मांगा है।
पीड़ित किसान के भाई कहना है कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 1530 (घ) में आवारा और छुट्टा पशुओं के निवारण का उल्लेख है। इन्हें गौशाला या सुरक्षित स्थान पर रखने का प्रावधान है। उनका कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन की होती है। अगर कोई आवारा पशु के हमले से घायल होता है तो वह मुआवजा पाने का हकदार है। आगरा के इस गांव में सिर्फ किसान राजकुमार ही आवारा पशुओं से परेशान नहीं हैं। पूरा गांव ही इस समय आवारा पशुओं का शिकार बना हुआ है। वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार प्रशासन पर सख्त हो और इन पशुओं से निजात दिलाए।
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