इस समीकरण से बढ़ेगी विपक्षी दलों की मुसीबतें!
अगले तीन महीने यानी अगस्त तक बसपा प्रदेश भर में सेक्टर व बूथ कमेटी का रिव्यू कर पुनर्गठन करेगी। इसमें जो नॉन परफ़ॉर्मर हो गए उनको बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। नई कमेटियों में पुराने कार्यकर्ताओ के साथ ही 50 फीसदी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी भी रहेगी। संगठन में वरिष्ठ नेताओं और युवाओं का कॉम्बिनेशन बनाया जाएगा। मतलब बसपा वरिष्ठों का अनुभव, युवाओं की ऊर्जा साथ लेकर चलेगी। सितंबर से पार्टी बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान भी चलाएगी। 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने के लिए बसपा बड़ी तैयारी में जुटेगी।
मायावती ने पहले 1 घंटे पार्टी कार्यालय पर बैठक की। इसमे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, मुनकाद अली, विधायक उमाशंकर सिंह, एमएलसी व लखनऊ के कोऑर्डिनेटर भीमराव अंबेडकर, मुरादनगर के कोऑर्डिनेटर नौशाद अली, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड संयोजक इमरान मसूद, मंडल प्रभारी, जोन इंचार्ज, मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष समेत प्रदेश भर से छोटे बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के कुछ बड़े पदाधिकारियों और मंडल प्रभारियों से अपने आवास पर अलग अलग मुलाकात की। साफ जाहिर है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती कितनी गंभीर हैं। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा का गठबंधन बैकवर्ड, दलित, मुस्लिम, अपर कास्ट और गरीब से हो चुका है।
बैठक में मायावती ने एक बार फिर कहा कि सत्ताधारी पार्टी चुनाव में प्रभाव कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। इनके खिलाफ सतर्क रहने की ठोस रणनीति के हिसाब से आगे लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी करनी है। बीएसपी को इस प्रकार की कठिन चुनौतियों का हमेशा ही सामना करना पड़ा है। निकाय चुनाव में विपरीत हालात का सामना करते हुए बीएसपी को समर्थन के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। मायावती ने कहा, सत्ताधारी बीजेपी चाहे जो भी दावा करे लेकिन वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण तथा महिला सीटों के आरक्षण सहित शुरू से लेकर अन्त तक इस चुनाव को भी हर प्रकार से मैनेज व मैनुपुलेशन करने का प्रयास किया गया। मायावती ने कहा कि बसपा दूसरी पार्टियों की तरह, बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के इशारों पर कार्य नहीं करती है और इसीलिए पार्टी को आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
0 Comments