आजमगढ़। अतरौलिया थाना क्षेत्र के ग्राम मझौली में झाड़ियों में मृत मिली युवती के मामले का गुरूवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक, युवती के प्रेमी ने किसी अन्य के फोन पर बात करने से नाराज होकर युवती को बुलाकर गला दबाकर हत्या कर फरार हो गया। पुलिस ने आरोपित प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।
अतरौलिया थाना क्षेत्र के मझौली भदेवा निवासी मूलचन्द्र पुत्र छट्ठू ने 19 अक्टूबर को थाने पर आकर लिखित सूचना दिया कि उनकी 22 वर्षीय पुत्री को उन्ही के गाँव का इन्द्रेश निषाद पुत्र लालचन्द निषाद भगा ले गया है। इस सूचना पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर किया गया। जिसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर द्वारा प्रारम्भ की गयी। विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि इस मुकदमें से संबन्धित पीड़िता का शव ग्राम मझौली के पास में नहर के बगल अशोक यादव के झाड़ झंखाड़ वाले बगीचे में मिला है।
गुरूवार को प्रभारी निरीक्षक अतरौलिया नदीम अहमद फरीदी को सूचना मिली की आरोपी इन्द्रेश निषाद मदियापार बाजार से कही भागने कि फिराक में है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी इन्द्रेश ने बताया कि मृतका के साथ विगत सात वर्षाे से प्रेम प्रसंग चल रहा था। हम दोनो एक दूसरे से मोबाइल पर बातचीत करते थे एवम् छिपकर मिलते थे। इस बात को मेरे व मृतका के परिवार वाले जानते थे एवम् कई बार मृतका के पिता व परिवार वालो ने मुझे व मेरे घर वालो को उलाहना भी दिया था। परन्तु मैने प्रेम प्रसंग बन्द नही किया। इधर कुछ दिनों से मृतका के व्यवहार में कुछ परिवर्तन आ गया था। वह मुझसे कम बात करने लगी तो मैने पता तो ज्ञात हुआ कि वह आजकल किसी और लड़के से बातचीत करने व प्रेम करने लगी थी। इस पर मैने उससे पूछा तो वह मना की परन्तु वह मुझसे बातचीत कम करने लगी।
मृतका व्यूटीशीयन का कोर्स मदियापार से करती थी। वह रोजाना सवेरे 10 बजे अपने घर से जाती थी एवम् शाम को लगभग 5 बजे वापस आती थी। 15 अक्टूबर को वह सवेरे लगभग 9.30 बजे गाँव के बाहर नहर के पास मिली। हम दोनो कभी-कभी गाँव के बाहर गन्ने के खेत के पास मिलकर बातचीत करते थे। वहाँ पर मैं व मृतका गए। वहाँ पर एक लड़का पहले से मौजूद था। गन्ने के खेत में मृतका व उस अज्ञात लड़के ने मिलकर मुझे काफी मारा एवम् किसी पतले तार से मेरा गला कस कर मुझे वहाँ पर छोड़कर चले गये। मारपीट की बात मैने किसी को नही बताया।
शाम को मैं अपने घर से एक रस्सी व दो सर्जिकल सिरींज लेकर अपने गाँव के बाहर मृतका इन्तेजार करने लगा कि लगभग 5 बजे शाम वह सामने से आते दिखी। नजदीक आने पर मैने कहा कि उधर बगीचे की तरफ चल तुझसे मुझे कुछ बातचीत करनी है। वह जाना नही चाह रही थी मैं उसे बहला फुसलाकर नहर के पार बगीचे में ले गया एवम् अपनी जेब से सिरिंज निकाल कर उसे डराया तथा रस्सी से उसका हाथ बाधने लगा कि वह डर जाए। इस पर वह जोर से चिल्लाने लगी तो मैने उसका मुँह अपने हाथ से कसकर दबा दिया। उसी दौरान कुछ लोग नहर के पास सड़क पर बातचीत कर रहे थे। मैं डर गया। मृतका मेरे हाथ हटाते ही फिर जोर से चिल्लाने का प्रयास की तो मैने अपने एक हाथ से उसका मुँह व एक हाथ से उसका गला दबा दिया। वह जोर-2 से सांस लेने लगी। मैं वहाँ से भाग गया। एक घण्टे बाद मैं वापस मौके पर आया तो देखा वह मर चुकी थी।
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