लखनऊ। विधान परिषद में समाजवादी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष का पद छिन गया है. कुल सदस्यों में से दस प्रतिशत से भी कम सदस्य होने के कारण सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की मान्यता समाप्त कर दी. अब वे समाजवादी पार्टी दल के नेता रह गए.
दरअसल, 100 सदस्यों वाली विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के 9 सदस्य रह गए. जबकि 10 प्रतिशत से अधिक सदस्य रहने पर ही उसे दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता है. 6 जुलाई को विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया. इसमें सपा के 6 बसपा के तीन भाजपा के दो और कांग्रेस के 1 सदस्य शामिल है. वहीं एमएलसी की 13 सीटों के लिए पिछले दिनों हुए चुनाव में भाजपा 9 व सपा के चार उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे. ऐसे में अब विधान परिषद में भाजपा के 73 सदस्य हो गए हैं जबकि सपा के 9 और बसपा के मात्र 1 सदस्य रह गए. इसलिए सभापति ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव से नेता प्रतिपक्ष की पद से हटा दिया है.
विधान परिषद के प्रमुख सचिव डॉ राजेश सिंह ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है लाल बिहारी इसी साल 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव को सबसे कम समय मिला. उन्हें केवल 41 दिन का कार्यकाल मिला 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बने लाल बिहारी यादव को हटा दिया गया. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष रहे डॉ संजय लाठर को 60 दिनों का कार्यकाल मिला था. इस साल 28 मार्च को नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर का कार्यकाल 26 मई को समाप्त हो गया था.
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