निलंबन के बाद महोबा में मुकदमा दर्ज कराने के बाद से ही पाटीदार यूपी पुलिस को चकमा दे रहे हैं। पुलिस उन पर एक लाख का इनाम घोषित करने के बाद भी खाली हाथ है। प्रयागराज के एएसपी अपराध के नेतृत्व अगुवाई में गठित एसआईटी के अलावा उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी पाटीदार की तलाश है। विजिलेंस अपनी जांच में पाटीदार को भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहरा चुकी है। फरार होने के कारण न्यायालयीय प्रक्रिया के तहत होने वाली सभी कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी हो चुकी हैं।
9 सितंबर 2020 को निलंबित किए गए पाटीदार ने पहले भी जांच में सहयोग नहीं किया था। वह मामले की जांच के लिए तत्कालीन आईजी रेंज वाराणसी विजय सिंह मीना की अध्यक्षता में गठित एसआईटी के सामने भी पेश नहीं हुए थे। महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उनके भाई रविकांत त्रिपाठी ने 10 सितंबर को पाटीदार के अलावा कबरई थाने के कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

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