घर में साइकल भी नहीं, गनर की बाइक ही बना प्रचार का सहारा



नोएडा। अट्टा गुजरान के रहने वाले दलित नेता सुनील गौतम इस बार जेवर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी हैं। उनके पास एक साइकल भी नहीं है। चुनाव आयोग ने सुरक्षा के लिए उन्हें एक गनर (पुलिसकर्मी) दिया है। वहीं प्रचार के लिए कहीं दूर जाना होता है तो उसकी बाइक ही सहारा बनती है। जी हां, प्रदेश भर में आपने लग्जरी गाड़ियों से घिरे नेताजी को तो जरूर देखा होगा। करोड़ों की प्रॉपर्टी, बैंक बैलेंस की बातें भी सुनी होंगी। लेकिन, एक प्रत्याशी ऐसा भी है, जिसके पास साइकल भी नहीं है। खाने-पीने के लिए रुपये नहीं हैं। दिनभर घूमकर थक चुका गनर ही प्रत्याशी को अपने रुपये से नाश्ता कराता है। घर में सोने की जगह नहीं तो गनर पड़ोसी के यहां रात बिताता है। हालांकि इसमें पुलिसकर्मी को कोई दिक्कत नहीं। वह अपना फर्ज समझते हुए हमेशा साए की तरह प्रत्याशी की सुरक्षा में रहता है।

अधिकतर अकेले ही होता प्रचार

जेवर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी दलित नेता सुनील गौतम ने बताया कि उनके पास साइकल भी नहीं है। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए गनर को भी पैदल ही लेकर जाना मजबूरी है। देहात में खेत में भी कई बार गनर सुरक्षा के लिए सुनील के साथ पैदल ही जाता है। सुनील के पास इतने पैसे नहीं हैं कि कार्यकर्ताओं की लंबी-चौड़ी फौज रख सके। ऐसे में वे अधिकतर अकेले ही प्रचार करते हैं।

खुद के अपहरण की आशंका से मांगी सुरक्षा

सुनील गौतम ने नामांकन के बाद विपक्ष और जिला प्रशासन से अपनी जान का खतरा बताते हुए जेड प्लस सिक्योरिटी की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा था। उन्होंने दूसरे प्रत्याशियों से खुद के अपहरण की आशंका भी जताई थी।

निर्वस्त्र प्रदर्शन में गए थे जेल

सुनील गौतम ने साल 2015 में दनकौर के बीएल चौक पर अपने घर की तीन महिलाओं के और भाई के साथ नग्न प्रदर्शन किया था। मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए, बयान में सुनील गौतम ने खुद को मानसिक तौर पर डिस्टर्ब होने की बात कही थी। उन्होंने खुद ही अपने और महिलाओं के कपड़े उतारने की बात भी कबूल की थी। इस आरोप में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। इस बार अपने परिवार के साथ क्षेत्र की भी आवाज बनना चाहते है और चुनाव को जीतने के लिए पूरी तरह से जुटे है।

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