...तो मऊ में एक बार फिर छाया स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा

जिले को छोड़कर आजमगढ़ और गाजीपुर के लोगों को टिकट देने का आरोप




मऊ। जिले की विधानसभा घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी द्वारा जैसे ही पूर्व मंत्री दारा चौहान को टिकट दिया अचानक ही जनपद की राजनीति गर्म हो उठी, बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा जोर पकड़ लिया। वैसे तो हमारे संविधान में व्यवस्था दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति कहीं से चुनाव लड़ सकता है लेकिन लोगों का कहना है कि जब जब ऐसा होता है स्थानीय मुद्दे छूट जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में देखा जाए तो अन्य जनपदों के नेताओं के लिए मऊ छावनी बनी हुई है, मऊ सदर सीट पर पांच बार से विधायक मुख्तार अंसारी गाजीपुर के हैं, घोसी 2017 में चुनाव जीते फागू चौहान आजमगढ़ के हैं, मधुबन से विधायक दारा चौहान आजमगढ़ के हैं, मोहम्मदाबाद सुरक्षित सीट से विधायक श्रीराम सोनकर भी आजमगढ़ जनपद के रहने वाले हैं। ऐसे में यह मुद्दा उठना भी लाजमी है।

घोसी का विकास जहां का तहां

घोसी की जनता का कहना है कि बाहरी आते हैं चुनाव जीतकर सांसद, विधायक, मंत्री, राज्यपाल बनते हैं लेकिन घोसी का विकास जहां का तहां स्थिर बना हुआ है। इस क्रम में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है उसने अपने स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर दलबदल कर आये दारा चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है, इससे लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है हमारे प्रतिनिधि द्वारा घोसी की जनता से बात किया गया तो लोगों का कहना है कि घोसी में कई ऐसे नेता हैं जिन्हें अगर सपा से टिकट मिलता है तो वह चुनाव परिणाम अपने पक्ष में करने का दम रखते हैं। लोगों ने बताया कि सुधाकर सिंह रामहरी चौहान सहित कई ऐसे स्थानीय नेता हैं जो आसानी से चुनावी समीकरण बदलने का दम रखते हैं। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि राजीव राय भले ही बाहरी हैं लेकिन घोसी की जनता से जुड़े रहते हैं लेकिन इन नेताओं को अनदेखी कर दारा चौहान को टिकट देना समझ से परे है।

स्थानीय नेता को लड़ाने की मांग

जिले के एक समाजवादी नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी हाईकमान ने जिस पर विश्वास जताया है हम उसके साथ रहकर भी नहीं है यहां तक कि मंत्री जी के साथ उनका सजातीय वोट भी नहीं है। उन्होंने कहा कि घोसी में सबका लाल सुधाकर फेक्टर भी काम करता है, जो पार्टी के लिए एक चुनौती है बताया कि 20 से 25 हजार सुधाकर का व्यक्तिगत वोट है जिसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है अगर सुधाकर लड़ेंगे तभी वह मत पार्टी के पक्ष में आएगा या तो किसी स्थानीय नेता को लड़ाया जाए तब उनको कुछ हद तक उन मतों रोका जा सकता है।

पाला बदल कर दारा सिंह ने बदले समीकरण

एक दूसरे सपा नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अगर पार्टी किसी चौहान को ही लड़ना चाहती है तो रामहरी चौहान को चुनाव लड़ाये, अगर किसी बाहरी को ही लड़ाना है तो राजीव राय को चुनाव मैदान में उतारे यह ऐसे नेता हैं जो घोसी सीट को जीत सकते हैं, लेकिन दारा चौहान ना तो पार्टी नेताओं के गले उतर रहे हैं और ना ही घोसी के जनता के। एक कांग्रेस नेत्री ने कहा कि मंत्री जी अभी तक मधुबन की जनता को लूटने का काम किए हैं अब वही काम घोसी की जनता के साथ करना चाहते हैं। फिलहाल तो ठंडे में थोड़ी ठंड पड़ी जिले की राजनीति में दारा चौहान को लेकर गर्माहट आ गई है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस द्वारा अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा होना बाकी है जो भी हो लेकिन घोसी विधानसभा सीट लोगों के बीच में कौतूहल का विषय बना हुआ है।

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