मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। रायबरेली से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को ब्रेन हैमरेज हो गया है। उनका इलाजा लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा है। परिवार के अनुसार दिनेश प्रताप सिंह पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में हैं। अब तक सबसे रोचक बात यह रही कि पत्रकार उनके बीमारी की खबर को प्रमुखता से चला रहे हैं लेकिन उनके आवास पर बात करने पर कोई कुछ बताने को नहीं तैयार है। बल्कि यह कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है। मीडिया उल्टा-सीधा फैला रहा है। यह भी अजब बात है कि मंत्री जी के यहाँ कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ हुआ नहीं है, लेकिन उपचार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री नम्बर दो व स्वस्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की देख रेख में चल रहा है। बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह को इलाज के लिए चार अक्टूबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में दिखाया गया था। ताजा अपडेट यही है कि वह दिल्ली चले गये हैं। हालांकि वेदांत अस्पताल में डॉक्टरों ने एमआरआई स्कैन कराया। इसमें ब्रेन हैमरेज की पुष्टि हुई। स्ट्रोक से उनके एक हाथ और एक पैर में चोट लगी है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि मानसिक तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
बताया जा रहा है कि मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पिछले दो महीनों से राजनीतिक तनाव में हैं। पहले कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद भाजपा विधायक अदिति सिंह ने भी उन्हें घेरा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 10 सितंबर को रायबरेली आए थे। राहुल के रायबरेली दौरे के दौरान मंत्री दिनेश सिंह चर्चा में रहे। वह अपने समर्थकों के साथ राहुल गांधी के रास्ते में धरने पर बैठ गए। उन्होंने श्राहुल वापस जाओश् के नारे लगाए। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। नाराज दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इस बीच दिनेश प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि बस चार दिन में फिर से उसी राजनीतिक अखाड़े में दो-दो हाथ करूंगा और आप सबकी सेवा में उपस्थित रहूंगा।
स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि अपने प्रातःस्मरणीय शुभचिंतक भाइयों एवं बहनों से विनम्रतापूर्वक आग्रह है। मैं स्वस्थ ही नहीं, पूर्णतः स्वस्थ हूं। आप सब बल्किुल चिंता न करें और किसी भी अफ़वाह पर ध्यान न दें। मुझे थोड़ा सा उपचार, वह भी शांतिपूर्ण वातावरण में आवश्यक था। इसलिए यशस्वी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अपनी देखरेख में मेरा उपचार करा रहे हैं।जल्द ही बिहार में पार्टी की सरकार बनाने में अपना तन, मन और धन से योगदान दूंगा। आप सब साक्षी हैं कि कितने अभाव और विपत्तियों को मैंने साहस, धैर्य और विनम्रता से झेलकर यहां तक पहुंचा हूं। आपकी दुआओं से ही यह संभव हुआ है। ये छोटी-मोटी बाधाएं मेरी खुराक नहीं, बल्कि मेरे लिए नाश्ते के समान हैं। दिनेश प्रताप सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह पहली बार 2010 में और दूसरी बार 2016 में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बने। 2018 में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में भाजपा ने उन्हें सोनिया गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा। वह यह चुनाव 1.67 लाख वोटों से हार गए। उसके बाद 2022 में भाजपा ने दिनेश सिंह को फिर एमएलसी बना दिया।योगी सरकार में उन्हें उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में दिनेश ने रायबरेली से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि, वह 3 लाख 90 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे।
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