लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की तैयारी कर रही है। यह वृद्धि करीब डेढ़ गुना तक हो सकती है। उन्हें वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारी में बढ़ोतरी की सौगात भी दी जा सकती है। इसका एलान पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित कर किया जा सकता है। सूत्रों ने अनुसार सिद्धांत रूप में तीनों स्तर के पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि के साथ प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारों में वृद्धि पर सहमति बन गई है। यह वृद्धि सपा शासनकाल में की गई वृद्धि से आनुपातिक रूप में अधिक रहने का अनुमान है।
योगी सरकार के कार्यकाल में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के चुनाव में बड़ी संख्या में नए प्रतिनिधि चुनकर आए हैं। वे मानदेय व अधिकारों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला पंचायत अध्यक्षों का सम्मेलन कर उनकी बात सुन चुके हैं। इसके अलावा ग्राम प्रधानों के संगठनों से मुख्यमंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज तक की कई दौर की वार्ता हो चुकी है।
किसका कितना हो सकता है मानदेय
प्रतिनिधि -- मानदेय -- प्रस्तावित
प्रधान -- 3500 -- 5000
क्षेत्र प्रमुख -- 9800 -- 15000
जिला पंचायत अध्यक्ष -- 14000 -- 20000
(अंतिम निर्णय कैबिनेट करेगी।)
सपा सरकार ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्राम प्रधानों का मानदेय 2500 से 3500 रुपये, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का 7000 से 9800 और जिला पंचायत अध्यक्षों का 10000 से 14 हजार रुपये किया था।
निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या
ग्राम प्रधान -- 58189
प्रमुख -- 826
जिला पंचायत अध्यक्ष -- 75

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